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हरियाणा के परिवहन मंत्री ने बताई निजी बसें किराए पर लेने की मजबूरी

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर यूनियनों ने हडताल तो समाप्त कर दी लेकिन मतभेद बरकरार है…

हिसारNov 13, 2018 / 05:37 pm

Prateek

(हिसार): हरियाणा में राज्य सरकार और रोडवेज कर्मचारी यूनियनों के बीच निजी बसों को किराए पर लेने के मुद्ये पर मतभेद बने हुए हैं। यूनियनों ने रोडवेज के बेडे में निजी बसों को शामिल करने के विरोध में पिछले 16 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक चक्काजाम हडताल भी की थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर यूनियनों ने हडताल तो समाप्त कर दी लेकिन मतभेद बरकरार है। इस बीच प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मंगलवार को यहां कहा कि निजी बसें किराये पर लेना राज्य सरकार की मजबूरी है।

नई बसें शामिल करने की जरूरत

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जहां प्रदेश में 33 लाख लोगों की यात्रा जरूरत पूरी करने के इंतजाम किए जाने हैं वहां अभी 12 लाख लोगों को यात्रा सुविधा दी जा रही है। सभी लोगों की यात्रा जरूरत पूरी करने के लिए रोडवेज के बेडे में 14 हजार बसों को शामिल करने की जरूरत है लेकिन अभी रोडवेज के पास मात्र 4400 बसें हैं।


रोडवेज में हर साल इतनी बसे हो रही कण्डम

उन्होंने बताया कि हालांकि राज्य सरकार रोडवेज के लिए बसें खरीद भी रही है। वर्ष 2016-17 में 600 बसें खरीदी गई तो 2017-18 से 650 बसें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। उनहोंने कहा कि रोडवेज में हर साल 300 से 350 बसें कण्डम हो जाती है।

अनुबंध रद्य करना संभव नहीं

पवार ने बताया कि प्रदेश के यात्रियों की इस जरूरत के मद्येनजर केबिनेट ने निजी बसों को किराए पर लेने का फैसला किया था। बसें किराए पर लेने के लिए ऑनलाइन टेण्डर आमंत्रित किए गए थे और 49 बस ऑपरेटरों की 500 बसों के लिए अनुबन्ध किया गया। यह दस साल का अनुबन्ध अब रद्य करना संभव नहीं है। अनुबन्ध के तहत बस ऑपरेटरों ने अपनी बसें तैयार करवा ली है। अब यदि अनुबन्ध रद्य किया जाता है तो बस ऑपरेटर भी हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते है।

 

रोडवेज के नीजीकरण का आरोप

रोडवेज कर्मचारी यूनियनें निजी बसें किराए पर लेने के फैसले के विरोध के पीछे दलील दे रही हैं कि यह सार्वजनिक उपक्रम रोडवेज के निजीकरण की दिशा में उठाया गया कदम है और निजी बसें आ जाने से रोडवेज में रोजगार के अवसर कम होंगे।


रोडवेज की तरफ यात्रियों को नहीं मिलेगी सेवा

कर्मचारी नेता यह भी दलील दे रहे हैं कि निजी बस संचालक लोगों को रोडवेज की तरह यात्रा सुविधा नहीं देंगे। उनकी दलील है कि रोडवेज में अपनी एक बस के चलाए जाने पर छह लोगों को रोजगार मिलता है। निजी बस संचालक इस तरह लोगों को रोजगार नहीं देंगे। रोडवेज की चक्काजाम हडताल के सिलसिले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में गुरूवार को फिर सुनवाई होगी। रोडवेज कर्मचारी यूनियनें अपने साझा मंच हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी की आगे की रणनीति हाईकोर्ट के अगले आदेश के मद्येनजर तय करेंगी। तालमेल कमेटी ने निजी बसों को रोडवेज के बेडे में लाने का राज्य सरकार का फैसला स्वीकार नहीं किया है। तालमेल कमेटी और परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह के बीच सोमवार को हुई वार्ता विफल रही।


परिवहन मंत्री ने मंगलवार को बताया कि अभी हाईकोर्ट के आदेश पर रोडवेज कर्मचारी नेताओं व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ हडताल के दौरान की गई एसमा एवं अन्य विभागीय सेवा नियमों के तहत की गई कार्रवाई को निलंबित रखा गया है।


हड़ताली कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन

उन्होंने कहा कि हडताल में शामिल रहे कर्मचारियों को 18 दिन का वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हडताल के दौरान रोडवेज को कोई घाटा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हडताल के दौरान जेल में बन्द रही महिला रोडवेज कर्मचारी से सफाई कराने के यूनियन नेताओं के आरोप की जांच कराई जाएगी। जेल में सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं।

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