वर्तमान में हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल ऐसे राज्य हैं जहां भाजपा सत्ता में है। जबकि अन्य राज्यों में भाजपा विपक्ष की भूमिका निभा रही है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व पार्टी हाईकमान को यह फीडबैक मिला है कि विधायकों द्वारा तैनात किए गए निजी सचिव एवं सहायक ही उनके आधार पर न केवल ज्यादातर पब्लिक डीलिंग करते हैं बल्कि कई अवसर पर वही अधिकारियों से भी बातचीत करते हैं। हालांकि हाईकमान इस व्यवस्था के पक्ष में नहीं है लेकिन विधायकों द्वारा चलाए जा रहे सिस्टम को संशोधित किया जा रहा है। जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने विधायकों के निजी सचिव व सहायकों को प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें अपनी पार्टी की नीतियों के अनुरूप ढालने का फैसला किया है।
जिसके चलते चंडीगढ़ के सैक्टर-37 स्थित पंजाब भाजपा कार्यालय में सात सितंबर से नौ सितंबर तक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। वैसे तो इस शिविर में विभिन्न मुद्दों पर पार्टी द्वारा तैनात किए गए कई वरिष्ठ नेता अपने-अपने अनुभव सांझा करते हुए निजी सचिवों एवं सहायकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे लेकिन इस ओवर ऑल जिम्मेदारी केंद्रीय प्रशिक्षण टोली के सदस्य एवं वरिष्ठ नेता रविंद्र साठे को सौंपी गई है। इस आयोजन के दौरान संबंधित राज्यों के पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पार्टी ने इस आयोजन की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता धीरेंद्र तायल को सौंपी है।
आठ सत्रों में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
उत्तर भारत के छह राज्यों के भाजपा विधायकों के निजी सचिव एवं सहायकों के लिए पहली बार आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षिण कार्यक्रम को कुल आठ सत्रों में बांटा गया है। जिसके तहत निजी सचिव एवं सहायकों को भाजपा के इतिहास एवं विकास के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा सत्ता व संगठन में तालमेल बिठाने के गुर सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण शिविर के दौरान विधायी अथवा संसदीय मामले, कार्यालय प्रबंधन, सोशल मीडिया प्रबंधन, व्यक्तित्व विकास जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
विधायकों को जारी किए निर्देश
भाजपा हाईकमान इस आयोजन को बेहद गंंभीरता से लेकर चल रही है। जिसके चलते छह राज्यों के सभी पार्टी विधायकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपने-अपने स्टाफ को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजी। इस शिविर में जो विधायक अपने स्टाफ को नहीं भेंजेगे उसे पार्टी हाईकमान के आदेशों का उलंघन माना जाएगा।