सीएम हाउस से बाहर आने वाले उक्त प्रतिनिधि ने भी अब नई पोस्टिंग के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है। यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री कार्यालय में अहम पद पर तैनात किसी प्रतिनिधि को बाहर किया गया है। कैप्टन भूपेंद्र सिंह के सीएमओ से बाहर होने के घटनाक्रम को अन्य प्रतिनिधियों के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में सीएमओ में कई और विकेट गिर सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अमले के कई प्रतिनिधियों द्वारा हरियाणा में अपने पैतृक अथवा कार्यक्षेत्र वाले विधानसभा हलकों में खुद को अगले प्रत्याशी के रूप में पेश करते हुए अपने मूल कार्य को छोडक़र विधानसभा क्षेत्रों में गतिविधियां बढ़ाई जा रही हैं।
सीएमओ के कई प्रतिनिधियों द्वारा चंडीगढ़ में दी गई जिम्मेदारियों को छोडक़र अगले चुनाव की तैयारियां की जा रही थी। जिसके चलते भाजपा संगठन के नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री तथा हाईकमान को लगातार इन गतिविधियों के बारे में बताया जा रहा था। इन गतिविधियों से खफा मुख्यमंत्री ने अपने अमले के एक प्रतिनिधि को जींद जाने से रोका हुआ है। बताया जाता है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन तथा अन्य नेताओं के निर्देश पर कैप्टन भूपेंद्र सिंह की छुट्टी की गई है। कैप्टन भूपेंद्र सिंह वरिष्ठ आरएसएस नेता मेजर करतार सिंह के बेटे हैं।
सीएमओ से ही जुड़े सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय से एक और ओएसडी को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। एक अधिकारिक सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, बात तो दो ओएसडी के इस्तीफे की हुई थी। दूसरे का इस्तीफा भी जल्द हो सकता है। सीएम कार्यालय में तैनात और भी कई अधिकारियों को बदला जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सीएम के दो ओएसडी के इस्तीफे लिए जाने का फैसला मुख्यमंत्री के इस्राइल और यूके दौरे से पहले ही हो गया था। बताते हैं कि इसी दौरान सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी निजी दौरे पर अमेरिका चले गए। सीएम के लौटने के बाद खुल्लर भी स्वदेश लौट चुके हैं। ऐसे में कैप्टन भूपेंद्र का तो इस्तीफा हो गया और दूसरे ओएसडी के इस्तीफे की तैयारी है। इसी तरह से सीएम कार्यालय से एक निजी स्टॉफ को भी हटाए जाने की खबरें हैं।
हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनके कार्यकाल के दौरान अफसरशाही तथा सीएमओ में अहम पदों पर अक्सर तजुर्बे होते रहे हैं। सीएमओ में राजनीतिक विकेट गिरने की शुरूआत जवाहर यादव से हुई थी। सीएम मनोहर लाल खट्टर के सबसे करीबियों में जवाहर यादव की गिनती होती है, लेकिन मंत्रियों-विधायकों के अलावा संघ के दबाव के चलते न चाहते हुए यादव को सीएमओ से रुखस्त होना पड़ा था।
सीएम के चेहता होने का फायदा यादव को हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन की नियुक्ति के रूप में मिला। इसके बाद सीएम के ओएसडी (मीडिया) राजकुमार भारद्वाज ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। चंडीगढ़ में तैनात मीडिया सलाहकार अमित आर्य को हटाया तो नहीं गया लेकिन उन्हें दिल्ली में तैनात कर दिया गया।
सीएम के राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किए गए जगदीश चोपड़ा भी अधिक दिनों तक इस कुर्सी पर टिक नहीं सके। उन्हें भी आशीर्वाद के तौर पर पर्यटन निगम का चेयरमैन नियुक्त कर दिया। आज ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि अब कैप्टन भूपेंद्र की भी नई नियुक्ति प्रदान की जाएगी।