बीती 18 मई को मुख्यमंत्री के एडीसी टूर को ग्रामीण सफाई कर्मचारियों द्वारा मांगपत्र सौंपते हुए उनका मानदेय पूर्व की भांति ट्रेजरी से ही जारी रखने की मांग की गई थी। इस पर पंचायत एवं विकास विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में आला अधिकारियों द्वारा स्पष्ट किया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता में सुधार मुहिम के तहत ग्रामीण आँचल में भी सफाई कर्मचारियों को लगाया गया था।
उनके मानदेय का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से किया जा रहा था, जिसके संबंध में पंचायत एवं विकास विभाग ने उनकी जिम्मेदारी और दायित्व सीधे पंचायत से जुड़े होने के कारण उनका मानदेय पंचायत के मार्फत दिए जाने का पत्र जारी कर दिया था। विभाग के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि इस योजना के तहत सफाई कर्मचारी के काम की निगरानी, उससे काम लेना तथा प्रतिदिन काम के स्थान का निर्धारण करना पंचायत के दायरे में हैं।
ऐसे में सफाई कर्मचारियों को सीधे ट्रेजरी से मानदेय देने पर पंचायत का ऐतराज है कि सफाई कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही बरतने की सूरत में उनके पास स्तिथि सुधारने का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में पंचायत एवं विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के मार्फत पहुंचे प्रस्ताव पर सहमति देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सफाई कर्मचारियों को पंचायत के माध्यम से मानदेय देने तथा उनके काम की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
यही नहीं सफाई कर्मचारी को मानदेय भुगतान रोकने के मामले में पंचायत को लिखित तौर पर ऐतराज देना होगा, ताकि सफाई कर्मचारियों को बेवजह परेशान न किया जा सके।