माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव रतन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों और स्कूलों की प्रबंधन समितियों को इस संबंध में लिखित आदेश जारी किए हैं। निदेशालय की साफ हिदायत है कि हरियाणा सिविल सर्विस रूल (संशोधित) का पूरी सख्ती से पालन करते हुए सभी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान दिया जाए। प्रबंध समितियां स्टाफ की योग्यता और पद सहित अन्य शर्तों मेें कोई बदलाव नहीं कर सकेंगी। सरकारी स्कूलों के स्टाफ के समान योग्यता वाले कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ मिलेगा।
सरकार के फैसले से जहां कर्मचारियों को फायदा होगा, वहीं स्कूलों की प्रबंध समितियों पर बोझ बढऩा तय है। चूंकि स्टाफ को 25 फीसद वेतन प्रबंधन समितियां ही अदा करती हैं। ऐसे में दो साल के एरियर के रूप में प्रबंधन को मोटी राशि चुकानी होगी। सरकारी सहायता प्राप्त कालेजों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ पहले ही दिया जा चुका।
हरियाणा में शहरों की सरकार का कम होगा कार्यकाल
हरियाणा में शहरों की सरकार का कार्यकाल कम होने जा रहा है। प्रदेश की अफसरशाही ने देश के 11 राज्यों में नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर तथा डिप्टी मेयर के कार्यकाल पर एक रिपोर्ट तैयार करके स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट के आधार पर ही हरियाणा सरकार द्वारा मेयर व डिप्टी मेयर का कार्यकाल तय किया जाएगा। हरियाणा में नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का कार्यकाल तय करने के लिए खट्टर सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन व बडख़ल से विधायक सीमा त्रिखा सदस्य हैं।