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हिसार

सुल्तान सिंह और बीरेंदर सिंह ही तीन बार बने हैं राज्यसभा सांसद

दो बार निर्वाचित होने वाले सांसदों की संख्या 7, 5 पूर्व सीएम भी रहे हैं सांसददेवी लाल परिवार से सर्वाधिक चार सदस्य रहे हैं राज्य सभा सांसद

हिसारMar 13, 2020 / 05:54 pm

Chandra Prakash sain

राज्यसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल से कौन-कौन होंगे सांसद

राज्यसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल से कौन-कौन होंगे सांसद

चंडीगढ़. हरियाणा से राज्यसभा चुनाव के अंतर्गत दो नियमित सीटों और एक उपचुनाव की सीट के निर्वाचन हेतु चुनाव प्रक्रिया जारी है। दो नियमित सीटों के लिए निर्धारित छह वर्ष की अवधि 10 अप्रैल 2020 से 9 अप्रैल 2026 तक होगी, जबकि चौधरी बीरेंद्र सिंह के त्यागपत्र देने के बाद खाली हुई एक सीट का कार्यकाल एक अगस्त 2022 तक है।
हरियाणा से अब तक निर्वाचित राज्यसभा सांसदों के नाम और कार्यकाल संबधी मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा से अब तक केवल सुल्तान सिंह और बीरेंदर सिंह ही दो ऐसे पूर्व राज्यसभा सांसद हैं, जो तीन बार प्रदेश से राज्यसभा के निर्वाचित हुए हैं। कार्यकाल की दृष्टि से सुल्तान सिंह ही आगे हैं जो लगातार 16 वर्ष तक सांसद रहें हैं। वह 31 मार्च 1970 से 1 अगस्त 1974, फिर 2 अगस्त 1974 से 1 अगस्त 1980 तक और फिर 2 अगस्त 1980 से 1 अगस्त 1986 तक लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी से सांसद रहे। उधर बीरेंदर सिंह एक अगस्त 2010 से 28 अगस्त 2014 तक कांग्रेस से सांसद रहे जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी और राज्यसभा सीट छोड़ दी। इसके बाद उसी वर्ष 29 नवंबर 2014 से एक अगस्त 2016 तक भाजपा से दोबारा अपनी सीट की शेष अवधि के लिए सांसद बने। इसके बाद 2 अगस्त 2016 से वो भाजपा के टिकट पर दूसरी बार और कुल तीसरी बार राज्यसभा सांसद निर्वचित हुए परन्तु 20 जनवरी 2020 को उन्होंने अपने कार्यकाल दौरान फिर राज्यसभा सदस्य्ता से फिर त्यागपत्र दे दिया। उनका कुल कार्यकाल साढ़े नौ वर्ष ही रहा।
जहां तक हरियाणा के दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित सांसदों का विषय है, तो आज तक देश के पूर्व उपराष्ट्रपति रहे कृष्ण कांत 29 नवंबर 1966 से 2 अप्रैल 1972 तक और फिर 10 अप्रैल 1972 से 20 मार्च 1977 तक राज्यसभा सांसद रहे हालांकि उनका कार्यकाल अप्रैल, 1978 तक था परन्तु लोकसभा चुनावो में विजयी होने पर उन्होंने इससे पहले ही राज्यसभा सदस्यता छोड़ थी जिसके बाद उनकी रिक्त हुई सीट के लिए जनसंघ के सुजान सिंह पहले 13 जुलाई 1977 से 9 अप्रैल 1978 तक और फिर 10 अप्रैल 1978 से 9 अप्रैल 1984 तक लगातार दो बार सांसद रहे। कांग्रेस के मुख्त्यार सिंह मालिक पहले 6 अप्रैल 1967 से 2 अप्रैल 1968 तक और फिर 10 अप्रैल 1984 से 9 अप्रैल 1990 तक दो बार सांसद रहे। कांग्रेस के ही हरि सिंह नलवा भी पहले 19 मार्च 1980 से 2 अप्रैल 1982 तक और फिर 3 अप्रैल 1982 से 2 अप्रैल 1988 तक सांसद रहे। इसके बाद कांग्रेस के रामजीलाल पहले 2 अगस्त 1992 से 17 मई 1993 तक और फिर 3 अप्रैल 1994 से 2 अप्रैल 2000 तक सांसद रहे। भूपिंदर हुड्डा सरकार दौरान पहले कांग्रेस के राम प्रकाश 23 मार्च, 2007 से 9 अप्रैल, 2008 और फिर 10 अप्रैल 2008 से 9 अप्रैल 2014 तक राज्यसभा सांसद रहे। कांग्रेस के ही शादी लाल बतरा पहले पहले 4 अगस्त 2009 से 2 अप्रैल 2012 और फिर 3 अप्रैल 2012 से 2 अप्रैल 2018 तक राज्यसभा सांसद रहे।
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल परिवार के कुल चार सदस्य अलग-अलग समय पर हरियाणा से राज्य सभा सांसद रहे हैं। सबसे पहले जनता दल से पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला 14 अगस्त, 1987 से 9 अप्रैल 1990 तक, फिर उनके भाई रणजीत सिंह चौटाला जो आज हरियाणा में बिजली मंत्री हैं, 12 सितम्बर 1990 से 1 अगस्त 1992 तक, फिर पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल 2 अगस्त 1998 से 6 अप्रैल 2001 अर्थात अपनी मृत्यु तक और फिर अजय सिंह चौटाला 2 अगस्त 2004 से 3 नवंबर 2009 तक राज्यसभा सांसद रहे। इसी प्रकार प्रदेश के तीन अन्य पूर्व मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा 2 अगस्त 1968 से 1 अगस्त 1974 तक, भजन लाल 2 अगस्त 1986 से 27 नवंबर 1989 तक, बनारसी दास गुप्ता 10 अप्रैल 1996 से 9 अप्रैल 2002 तक राज्य सभा सांसद रहे. स्वर्गीय सुषमा स्वराज 10 अप्रैल 1990 से 9 अप्रैल 1996 और उनके पति स्वराज कौशल दो अगस्त 1998 से 1 अगस्त 2004 तक हरियाणा से राज्य सभा सांसद रहे हैं।

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