नीलगिरी एक ऐसा आयुर्केवेदिक हर्ब है जो कफ और बलगम को बाहर निकलाने में प्राचीनकाल से होता रहा है। ये बेहद इफेक्टिव होता है। येसीधे छाती पर लगा दिया जाता है। नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें भी नाक और छाती में डालने से तुरंत लंग्स में जमा बलगम को बाहर निकला देता है। इस तेल को लगाने के कुछ देर बाद गर्म पानी से नहाना और भी फायदा करता है।
कच्ची हल्दी को कई तरह से बलगम को बाहर निकालने में प्रयोग किया जा सकता है। कच्ची हल्दी का रस कुछ बूंद नाक और गले में सीधे डाल दें। फिर थोड़ी देर के लिए रुक जाएं। ये प्रक्रिया रुक रुक कर करने से कफ बाहर आएगा। वहीं, कच्ची हल्दी की चाय पीना या इसके पानी से गरारा करना गले से लेकर बलगम तक के लिए लाभदायक है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है, जो बलगम को घोलने में मदद करता है। इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण खांसी और सर्दी के इलाज में मदद करते हैं।
फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने के लिए जरूरी है कि ठंडी चीजों से बचें और गर्म तरल चीजों को डाइट में बढ़ा दें। इससे बलगम पिघाने में आसानी होती है। गर्म पानी, सूप, गर्म सेब का रस और ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
लंग्स को क्लियर करने का ये सबसे इफेक्टिव और तेज तरीका है। कोरोना संक्रमण के दौरान भी गर्म पानी का भाप लेना बहुत जरूरी होता है ताकि फेफड़ों तक इंफेक्शन का असर कम किया जा सके। ये छाती में जमा कफ, बलगम को बाहर निकाल देते हैं।
छाती और नाक में जमा कफ से छुटकारा पाने के लिए यह इलाज सबसे बेहतर माना जाता है। सीने में जमा बलगम को बाहर निकालने के लिए नमक के पानी से गरारे करें। गुनगुने पानी में एक चुटकी नमक मिलाकर दिन में दो से तीन बार गरारे करें। गरारे करने से गले की खराश, खांसी और बुखार के लक्षणों को भी दूर करने में मदद मिल सकती है।
फेफड़ों में जमा बलगम और खांसी से राहत पाने के लिए आप गर्म पानी में शहद डालकर पी सकते हैं या फिर अदरक और शहद का मिश्रण आजमा सकते हैं।