जब बात घरेलु नुस्खों की आती है तो हल्दी को कौन भूल सकता है। भारत के उत्तर से दक्षिण तक इसका सेवन सर्दी से लड़ने के लिए किया जाता है। हल्दी में मौजूद ऐसे कई तत्त्व है जिनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की शक्तिहोती है। हम इसके बारे में ज्यादा बात यहाँ नहीं करते हैं क्यूंकि यह जग विख्यात है मगर आपको अगर सर्दी लगे तो आप एक गिलास दूध में हल्दी डालकर पी जाएं।
तुलसी
इसकी आयुर्वेदिक लक्षण सर्दी, जुकाम, खांसी सब पर असरदार होते हैं। आप इसका सबसे बेहतर इस्तेमाल काढ़े के रूप में कर सकते हैं।
आप चाहें तो इनका इस्तेम्मल पीस कर मधु में मिला कर भी कर सकते हैं। बाजार में आजकल तुलसी अर्क भी उपलब्ध है आप चाहे तो इसका भी इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हालाँकि आपको इसका इस्तेमाल पहले ही करना होगा।
अदरक
अदरक को आयुर्वेद में महाऔषधि भी कहते हैं। इसका उपचार में बहुत अधिक इस्तेमाल होता है। सर्दी जुकाम में इसे कच्चे केवल खाने से आधी समस्या का निवारण हो जाता है। आप चाहे तो सुबह की चाय को अदरक मिलकर अपना फ़ायदा भी कर सकते हैं।
काली मिर्च तीखी होने के कारण आपके सरीर के हीट कंटेंट को उजागर और बढ़ाने का काम करती है। इसका सेवन आप चाय में मधु के साथ या यूँ भी कर सकते हैं।
गेहूं की भूसी
अंत में कुछ ऐसा जो आम तौर पर यहाँ इस सूची में भी नहीं दिखता। जी हाँ सुनने में अजीब लग सकता है मगर सच ही है। इसमें अदरक और काली मिर्च की सी ताक़त होती है। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा।
यह आपके लिए थे पांच ऐसे सामग्री जो आपको बदलते मौसम में जुकाम से बचाता है। यह आपको शायद काम में आये मगर याद रखे की बिना पड़ताल किसी भी चीज़ का इस्तेमाल करें।