गणेश
चतुर्थी पर इस बार तीन योग मिलकर महायोग बना रहे हैं। 17 सितंबर को स्वाति नक्षत्र, बुधादित्य योग और ऎंद्र योग में
गणेशजी का आगमन होगा। महायोग होने से चल-अचल संपत्ति की खरीदी का भी सर्वश्रेष्ठ दिन है। ज्योतिष पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया, 31 अगस्त 2003 के बाद इस बार गणेश चतुर्थी बृहस्पति की सूर्य-सिंह संक्रांति सूर्योदय से रात्रि 1.32
बजे व ऎंद्र योग सूर्योदय से शाम 6.23 मिनट तक रहेगा। भद्रा प्रात: 9.10 से 10.20 बजे तक रहेगा। इसे छोड़ शुभ मुर्हूत में पूजा होगी।
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पं. रामचंद्र वैदिक ने बताया, गणेश चतुर्थी सूर्योदय से रात्रि 10.20 बजे तक रहेगी तथा स्वाति नक्षत्र सूर्योदय से रात्रि 1.32 बजे तक रहेगा। सूर्य दोपहर में 12.20 बजे कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। भद्रा का असर चतुर्थी पर नहीं रहेगा। अभिजीत मुहूर्त के समय लाभ का चौघडिया होने के साथ ही प्राकटयकाल भी है। बुधादित्य योग खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ है। गणेश चतुर्थी को दगड़ा चतुर्थी भी कहते हैं। शास्त्रों में ऎसी मान्यता है कि इस दिन चंद्र देवता के दर्शन निषेध है। घरों के ऊपर पत्थर फेंकने की परंपरा भी है।
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मुहूर्त
शुभ – सुबह 6.17 से 7.48 और शाम 4.54 से 6.25 बजे तक
लाभ – दोप. 12.21 से 1.52 तक
चर – सुबह 10.50 से 12.21 और शाम 7.54 से 9.24 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.55 से 12.45 बजे तक
वर्जित राहु काल – दोपहर 1.52 से 3.23 बजे तक
चंद्रोदय रात्रि – 9.20
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