सूर्योदय से अर्धरात्रि 02.37 मि. तक पूर्णा संज्ञक पूर्णिमा तिथि रहेगी पश्चात नंदा संज्ञक एकम तिथि लगेगी। पूर्णिमा तिथि में जो भक्तिमान मनुष्य चंद्रमा की पूजा करता है, उसका संपूर्ण संसार पर अपना आधिपत्य हो जाता है और वह कभी नष्ट नहीं होता। प्रतिपदा तिथि में अग्निदेव की पूजा करके अमृतरूपी घृत का हवन करे तो उस हवि से समस्त धान्य और अपरिमित धन की प्राप्ति होती है।
सूर्योदय से प्रात: 07.52 मि. तक धु्रव स्थिर उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा पश्चात मृदु मैत्र रेवती नक्षत्र लगेगा। वर-वधू की दिखाई रस्म, सगाई, विवाह आदि के लिए उत्तराभाद्रपद एवं रेवती दोनों नक्षत्र शुभ माने गए हैं। अक्षर ज्ञान, अध्ययन, अध्यापन, धार्मिक प्रवचन, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय आदि के संचालन हेतु रेवती नक्षत्र शुभ रहते हैं।
सूर्योदय से अर्धरात्रि 04.42 मि. तक व्याघात योग रहेगा पश्चात हर्षण योग लगेगा। व्याघात योग के स्वामी वायुदेव माने जाते हैं जबकि हर्षण योग के स्वामी भंगदेव माने गए हैं। विशिष्ट योग
व्याघात व हर्षण दोनों ही योग अशुभ हैं। अगर इनमें किसी कार्य की शुरुआत करना हो तो व्याघात योग के प्रथम 03.12 मि. व हर्षण योग के प्रथम 03.36 मि. के समय का त्याग करना चाहिए।
सूर्योदय से दोप. 01.38 मि. तक विष्टि नामक करण रहेगा पश्चात बव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बालव नामक
करण लगेगा। शुभ मुहूर्त
अनुकूल समय में बीमारी हेतु औषधी निर्माण एवं कात्र्तिक स्नान के नियम की शुरुआत करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
प्रात: 07.50 मि. से दोप. 12.10 मि. तक
क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे
एवं दोप. 01.37 मि. से 03.04 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। व्रतोत्सव
व्रत/पर्व – देवपितृ कार्य की शारदीय पूर्णिमा। कोजागरी पूर्णिमा। क्षीरपानं पर्व। कुमार पूर्णिमा (उड़ीसा)। कोजागरी व्रत। लक्ष्मीन्द्र पूजा। कात्र्तिक स्नान प्रारंभ। महर्षि वाल्मीकि जयंती। पाराशर ऋषि जयंती। डाकोरजी मेला (गुज.)। नवपद पूजा पूर्ण (जैन)। आयंबील ओली समाप्त (जैन)।
चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा जल तत्व की मीन राशि में रहेंगे।
भद्रा – दोप. 01.37 मि. पर समाप्त भद्रा का निवास भूलोक में रहेगा। पंचक – पंचक जारी रहेंगे।
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में।
राहु काल – दोप. 4.30.58 से सायं: 5.57.43 तक राहु काल वेला रहेगी।
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ञ, दे, दो, चा, ची) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज प्रात: 07.52 मि. तक जन्मे बच्चों का जन्म तांबे के पाए में होगा पश्चात सोने के पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक मीन राशि रहेगी। आज प्रात: 07.52 मि. के पश्चात जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक जन्म लिए बच्चे शरीर से मध्यम होंगे। प्राय: इनका भाग्योदय 18 वर्ष की आयु में होगा। ऐसे जातक परोपकारी व व्यवहार कुशल होंगे। इनकी विज्ञान विषय पर गहरी पकड़ रहेगी। प्राय: नौकरी कर धनार्जन करेंगे। मीन राशि में जन्मे जातक को स्पष्टवादी होने से बचना चाहिए।