scriptToday Panchang: क्या कहता है 2 अक्टूबर का पंचांग, जानिए शुभ मुहुर्त और श्रेष्ठ चौघडिय़ा | 2 October ka Panchang in hindi hoshangabad | Patrika News
होशंगाबाद

Today Panchang: क्या कहता है 2 अक्टूबर का पंचांग, जानिए शुभ मुहुर्त और श्रेष्ठ चौघडिय़ा

चतुर्थी तिथि में भगवान श्रीगणेशजी का पूजन करना चाहिए। इससे सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। पंचमी तिथि में नागराज की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और संतान प्राप्त होते हैं औरश्रेष्ठ लक्ष्मी भी प्राप्त होती हैं।

होशंगाबादOct 01, 2019 / 08:16 pm

poonam soni

Today Panchang:  क्या कहता है २ अक्टूबर का पंचांग, जानिए शुभ मुहुर्त और श्रेष्ठ चौघडिय़ा

Today Panchang: क्या कहता है २ अक्टूबर का पंचांग, जानिए शुभ मुहुर्त और श्रेष्ठ चौघडिय़ा

होशंगाबाद/ शुभ विक्रम संवत् : 2076, संवत्सर का नाम : परिधावी, शाके संवत् : 1941, हिजरी संवत् : 1441, मु.मास : सफर तारीख 02, अयन: दक्षिणायण, ऋतु : शरद ऋतुु, मास : आश्विन, पक्ष : शुक्ल पक्ष, 02 अक्टूबर 2019 बुधवार, सूर्योदयकालीन लग्न व ग्रह स्थिति
तिथि
सूर्योदय से प्रात: 11.39 मि. तक रिक्ता संज्ञक चतुर्थी तिथि रहेगी। पश्चात पूर्णा संज्ञक पंचमी तिथि लगेगी। चतुर्थी तिथि में भगवान श्रीगणेशजी का पूजन करना चाहिए। इससे सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। पंचमी तिथि में नागराज की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और संतान प्राप्त होते हैं औरश्रेष्ठ लक्ष्मी भी प्राप्त होती हैं।
नक्षत्र
सूर्योदय से दोप. 12.51 मि. तक मिश्र साधारण विशाखा नक्षत्र रहेगा पश्चात मृदु मैत्र अनुराधा नक्षत्र लगेगा। औषधि एवं रसायन के निर्माण, औषधि सेवन, सर्जरी और चिकित्सा संबंधी अन्य कार्यों के लिए विशाखा एवं अनुराधा दोनों नक्षत्र शुभ माने गए हैं। नए-पुराने वाहनों का क्रय-विक्रय, वाहन से यात्रा करने आदि के लिए अनुराधा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
योग
सूर्योदय से अर्धरात्रि 02.53 मि. तक प्रीति योग रहेगा पश्चात आयुष्मान योग लगेगा। प्रीति योग के स्वामी विष्णु भगवान हंै जबकि आयुष्मान योग के स्वामी चंद्रदेव माने गए हंै।

विशिष्ट योग
दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हंै। प्रीति योग में कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। विवाह से संबंधित समस्त कार्यों के लिए सौभाग्य योग बहुत शुभ माना जाता है।
करण
सूर्योदय से प्रात: 11.39 मि. तक विष्टि नामक करण रहेगा पश्चात बव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बालव नामक करण लगेगा।

शुभ मुहुर्त
अनुकूल समय में ललिता पंचमी पर्व पर ललिता देवी का पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त है।

श्रेष्ठ चौघडिय़ा
प्रात: 06.19 मि. से 09.16 मि. तक क्रमश: लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे। प्रात: 10.45 मि. से दोप. 12.13 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोप. 03.10 मि. से सायं: 06.07 मि. तक क्रमश: चंचल व लाभ के चौघडिय़ा रहेंगे।
व्रतोत्सव
व्रत/पर्व – नवरात्रि चतुर्थी तिथि। वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत। उपांग ललिता व्रत। ललिता पंचमी। श्रीगांधी जयंती (150वीं)। श्रीलालबहादुर शास्त्री जयंती।
चंद्रमा – सूर्योदय से प्रात: 07.09 मि. तक चंद्रमा वायु तत्व की तुला राशि में रहेंगे पश्चात जल तत्व की वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
भद्रा – प्रात: 11.39 मि. पर समाप्त भद्रा का निवास पाताल मे रहेगा।
दिशाशूल – उत्तर दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन उत्तर दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)।
राहु काल – दोप. 12.13.48 से 01.42.20 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे
बच्चों के नाम (ते, तो, ना, नी, नू, ने) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म लोहे के पाए में होगा। सूर्योदय से प्रात: 07.09 मि. तक तुला राशि रहेगी पश्चात वृश्चिक राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से प्रतिभाशाली होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 25 वर्ष की आयु में होगा। आधुनिक जीवनशैली का व्यापक प्रभाव रहेगा। प्राय: स्वतंत्र कार्य का संचालन करेंगे। एक अच्छे लोकनायक होने के समस्त गुण रहेंगे। तुला राशि में जन्मे जातक को दयालुता नहीं छोडऩा चाहिए। वृश्चिक राशि में जन्मे जातक को कुटिलता से बचना चाहिए।
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