प्रात: 5.55 से 2.15
दोपहर 3.25 से सूर्यास्त तक यज्ञोपवीतधारी करेंगे श्रावणी उपाकर्म आज
धर्म परंपरा अनुसार श्रावणी उपाकर्म आज से माँ रेवा तट पर सुबह 9.30 बजे से आयोजित होगा। जिसमें दोषों की निवृत्ति के लिए पूज्य गुरुदेव आचार्य सोमेश परसाई के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा हेमाद्री संकल्प, दिव्य दस विधी स्नान, देव ऋषि पितृ तर्पण होगा। इसके बाद विध्याचल सेड पर सप्तऋषि पूजन, यज्ञोपवित पूजन व हवन होगा। आचार्य परसाई ने बताया कि श्रावणी उपाकर्म श्रावण पूर्णिमा के दिन को रक्षाबंधन संस्कृति दिवस व श्रावणी कर्म के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन भगवान शिव ने संस्कृत व संस्कृति के विस्तार के लिए डमरू का ९ व ५ बार नाद किया था। जिससे संसार की समस्त भाषाओ की उत्पत्ति हुई।