scriptकृषि वैज्ञानिकों ने कहा- मिट्टी की सेहत के मुताबिक करें उर्वरक का उपयोग | Agricultural scientists said - use fertilizer according to soil health | Patrika News
होशंगाबाद

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा- मिट्टी की सेहत के मुताबिक करें उर्वरक का उपयोग

जिले के सभी विकासखंडों में मनाया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस

होशंगाबादFeb 22, 2020 / 12:02 pm

Manoj Kundoo

Hotel and resort operators presented a response

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कृषि वैज्ञानिकों ने कहा- मिट्टी की सेहत के मुताबिक करें उर्वरक का उपयोग

जिले के सभी विकासखंडों में मनाया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस

होशंगाबाद। कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देशानुसार सभी विकासखंडों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया जा रहा है। उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस जिले के समस्त विकासखंडों के चयनित पायलेट ग्रामों में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषि संगोष्ठियां आयोजित कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कृषि संगोष्ठियों में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों से कहा जा रहा है कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग करें। किसानों को बताया गया कि वे यूरिया उर्वरक का का अधिक उपयोग न करे, बल्कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सलाह अनुसार ही संतुलित उर्वरक का ही उपयोग करें। साथ ही पोटाश उर्वरक का उपयोग भी जहां आवश्यक हो वहां करें। उप संचालक ने बताया कि जैविक खाद, गोबर की खाद, कचरे की खाद, नाडेप खाद, केचुएं की खाद, नरवाई की खाद, हरी खाद आदि सभी जैविक खाद खेती के एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे जैविक खाद, गोबर की खाद, कचरे की खाद, नाडेप खाद, केचुएं की खाद, नरवाई की खाद, हरी खाद आदि सभी जैविक खाद खेती के एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है।
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा- मिट्टी की सेहत के मुताबिक करें उर्वरक का उपयोग

जिले के सभी विकासखंडों में मनाया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस

होशंगाबाद। कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देशानुसार सभी विकासखंडों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया जा रहा है। उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस जिले के समस्त विकासखंडों के चयनित पायलेट ग्रामों में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषि संगोष्ठियां आयोजित कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कृषि संगोष्ठियों में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों से कहा जा रहा है कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग करें। किसानों को बताया गया कि वे यूरिया उर्वरक का का अधिक उपयोग न करे, बल्कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सलाह अनुसार ही संतुलित उर्वरक का ही उपयोग करें। साथ ही पोटाश उर्वरक का उपयोग भी जहां आवश्यक हो वहां करें। उप संचालक ने बताया कि जैविक खाद, गोबर की खाद, कचरे की खाद, नाडेप खाद, केचुएं की खाद, नरवाई की खाद, हरी खाद आदि सभी जैविक खाद खेती के एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे जैविक खाद, गोबर की खाद, कचरे की खाद, नाडेप खाद, केचुएं की खाद, नरवाई की खाद, हरी खाद आदि सभी जैविक खाद खेती के एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है।

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