दवा बाजार से मिले आंकड़े बताते हैं कि गायनेकोलॉजिकल दवाओं की बिक्री 25, अस्थमा की दवाओं की बिक्री 20 प्रतिशत और चर्म रोग की दवाओं की बिक्री पिछले तीन महीने में 20 प्रतिशत कम हुई है। हालांकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाओं की बिक्री 30 प्रतिशत बढ़ी है। डायबिटीज, बीपी, हार्ट, किडनी से संबंधित दवाओं की मांग बढ़ी है।
स्टॉक में ले गए दवा बनखेड़ी के दवा विक्रेता राजीव जैन के अनुसार क्रॉनिक कैटेगिरी वाली बीमारियों के मरीज स्टॉक में पहले से दवा ले गए हैं। इनमें बीपी, शुगर की दवा ज्यादा बिकी हैं। ऐसा ही स्थिति शहर की है।
कोरोना संक्रमण के डर के कारण डिप्रेशन और बीपी के मरीजों में बढ़ोत्तरी हुई है। चिकित्सक बताते हैं कि डिप्रेशन में शासकीय सेवा में काम करने वाले वो लोग जा रहे हैं , जो लगातार काम कर रहे हैं।
डॉ. सुधीर जैसानी, सीएमएचओ
बृजेश श्रीवास्वत, अध्यक्ष दवा संघ