पिता को कैंसर हुआ तो बेटे छेड़ दिया अनूठा अभियान, सैकड़ों को मिला लाभ, ये है खास
पिता को कैंसर हुआ तो बेटे छेड़ दिया अनूठा अभियान, सैकड़ों को मिला लाभ, ये है खास
Cancer treatment is possible through this method of Ayurveda
शकील नियाजी/पिपरिया। पिता को कैंसर हुआ तो 25 वर्षीय बेटे ने इस बुराई को खत्म करने के लिए अभियान छेड़ दिया। अब तक वह 500 लोगों को नशा छुड़ा चुका है और गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चला रहा। जब भी किसी को तम्बाकू खाते देखा तो आशीष चौधरी उसे इस तरह समझाते हैं कि वो उसे नशा छोडऩे राजी कर लेते हैं।
दरअसल इनके पिता 64 साल के सोवरन सिंह चौधरी को लंग कैंसर था। कैंसर की सूचना मिलने के बाद पूरा परिवार सकते में आ गया था। खापरखेड़ा गांव निवासी सोवरन को उपचार को बैंगलोर सेंट जॉन अस्पताल में जांच के बाद एचसीजी कैंसर अस्पताल नागपुर में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के बाद 8 माह बाद वे ठीक को गए। लेकिन इस बीच परिवार ने जो तकलीफ भुगती उससे आशीष ने तय किया कि यह हालात और किसी की जिंदगी में न आएं उसके लिए अभियान चलाने का फैसला किया। अब वे जिसे भी गुटखा खाते देखते है उसे उसके नुकसान बताने लगते हैं। वह गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक भी करते हैं। अब तक करीब पांच सौ लोगों को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित कर चुके हैं। इन्ही के समझाने पर किरार समाज जिलाध्यक्ष प्रभात चौधरी, पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष उमेद सिंह ने ध्रमपान,तम्बाखू सेवन बंद कर दिया है।
जागरुकता से बच सकते है कैंसर से
देश में जागरुकता की कमी है तीसरी चौथी स्टेज पर भारत में कैंसर का पता चलता है लेकिन विदेश में 0 स्टेज पर इसकी जांच शुरु हो जाती है। 35 फीसदी लंग कैंसर ध्रूमपान से होता है सबसे जरुरी इससे बचे व्यक्ति हर साल स्वास्थ्य की जांच अवश्य कराना चाहिए जागरुकता से कैंसर से रोग मुक्त हो सकते है।
– डॉ. अजय मेहता, सर्जरी स्पेशलिस्ट, एचसीजी कैंसर अस्पताल नागपुर