सीएमएचओ व अन्य कार्यालयों में बिजली सप्लाई के लिए रैन बसेरा के पास पैनल बॉक्स लगाया गया था। जिस पर करीब १४ लाख रुपए खर्च हुए थे। दो साल पहले पैनल बॉक्स जल गया था। जिला अस्पताल की सब इंजीनियर मयूरी जैन के अनुसार विभाग ने पैनल बॉक्स नहीं लगाया। पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिकल विभाग के उपयंत्री प्रशांत बाजपेयी के मुताबिक पैनल बॉक्स करीब दस साल पुराना है। किसने लगाया यह बता पाना मुश्किल है।
सीएमएचआे कार्यालय, समर्पण केंद्र सहित अस्पताल के अन्य दफ्तरों में बिजली सप्लाई के लिए परिसर में ही ट्रांसफार्मर लगा है, बावजूद इसके बार-बार बिजली गुल होने की शिकायत बिजली कंपनी को मिल रही थी। लेकिन जांच में ट्रांसफार्मर से सप्लाई चालू पाई गई। बुधवार को भी सप्लाई बंद होने की सूचना मिलने पर टीम मौके पर पहुंची थी, जांच में पता चला कि अस्पताल के सामने लगे ट्रांसफार्मर में फाल्ट हुआ है। वे समझ नहीं पाए कि बाहर के ट्रांसफार्मर से अस्पताल की बिजली क्यों गुल हुई। जांच की तो पता चला कि टीबी वार्ड के सामने से एलटी लाइन से सप्लाई जोड़कर बिजली जलाई जा रही है। जिसके बाद प्रकरण बनाया गया।
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 में बिजली चोरी और मीटर से छेड़छाड़ के मामले दर्ज होते हैं। चोरी के मामले में जुर्माना और सजा का प्रावधान है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के नाम पर बिजली चोरी का प्रकरण बनाकर बिल भुगतान के लिए दिया है। सोमवार तक मोहलत दी है। कनेक्शन नहीं लिया तो सप्लाई काटेंगे।
-अंकुर मिश्रा, डीई बिजली कंपनी।
-डा. दिनेश कौशल, सीएमएचओ।
सीएमएचओ कार्यालय की बिजली कटने का भले ही जिला अस्पताल पर असर न पड़े, लेकिन इससे सीएमएचओ, डीपीएम कार्यालय में कार्यालयीन का कामकाज, टीकाकरण के लिए रखे वैक्सीन, स्टोर में रखी दवाइयां, टीबी वार्ड, समर्पण केंद्र में आने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ेगी।