बड़ा सवाल
मंडी बोर्ड ने भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को रद्द करते हुए जमा राशि लगभग 9 लाख रुपए राजसात करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा नए सिरे से भूखंडों की नई एवं वर्तमान दर पर नीलामी करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने कृषि मंडी से मामले की फाइल अपने पास क्यों बुलाई थी।
मंडी बोर्ड ने भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को रद्द करते हुए जमा राशि लगभग 9 लाख रुपए राजसात करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा नए सिरे से भूखंडों की नई एवं वर्तमान दर पर नीलामी करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने कृषि मंडी से मामले की फाइल अपने पास क्यों बुलाई थी।
दिन भर चली जांच, 20 लोगों के बयान हुए दर्ज
होशंगाबाद। कलेक्टर-एसडीएम विवाद को लेकर रविवार को दिनभर संभागयुक्त कार्यालय में जांच हुई। करीब 6 घंटे तक अलग-अलग कमरों में इस मामले से जुड़े ड्राइवर, सुरक्षाकर्मियों से लेकर अफसरों और रेत कारोबारियों सहित 20 लोगों के बयान दर्ज किए गए। इनमें अशासकीय लोगों की संख्या आधा दर्जन थी। इनमें भाजपा विधायक के भतीजे पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा के पुत्र वैभव शर्मा ने भी अपने बयान दर्ज कराए। जांच के दौरान साढ़े चार घंटे एसडीएम रवीश श्रीवास्तव वहां मौजूद रहे। बयान के साथ सबूत के तौर पर सीडी और दस्तावेज पेश किए। वहीं कलेक्टर ने देढ़ घंटे तक उन पर लगे आरोपों पर सफाई दी।
एसडीएम रवीश श्रीवास्तव सुबह 11 बजे अपने निजी सुरक्षा कर्मी के साथ आयुक्त कार्यालय पहुंचे थे। वे वहां से शाम 4.26 बजे निकले। उन्होंने पत्र में लगाए गए आरोपों के प्रमाण दिए। साथ ही उन पर लगे आरोपों पर सफाई दी। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने प्रमाण के तौर पर जो सीडी सौंपी है उसमें घटना दिनांक को हुए विवाद औररेत भंडारण स्थल की रिकार्डिंग है। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह अपना बयान देने दोपहर को 3.45 बजे जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह के साथ में आयुक्त कार्यालय पहुंचे। जहां वो किसी से मिले बिना ही आयुक्त के पीए कार्यालय में लिखित बयान दर्ज कराने लगे। इसके बाद वो करीब 1 घंटा 22 मिनट बाद बिना किसी से बात किए निकल गए। उन्होंने भी एसडीएम पर लगे आरोप के प्रमाण दिए।
होशंगाबाद। कलेक्टर-एसडीएम विवाद को लेकर रविवार को दिनभर संभागयुक्त कार्यालय में जांच हुई। करीब 6 घंटे तक अलग-अलग कमरों में इस मामले से जुड़े ड्राइवर, सुरक्षाकर्मियों से लेकर अफसरों और रेत कारोबारियों सहित 20 लोगों के बयान दर्ज किए गए। इनमें अशासकीय लोगों की संख्या आधा दर्जन थी। इनमें भाजपा विधायक के भतीजे पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा के पुत्र वैभव शर्मा ने भी अपने बयान दर्ज कराए। जांच के दौरान साढ़े चार घंटे एसडीएम रवीश श्रीवास्तव वहां मौजूद रहे। बयान के साथ सबूत के तौर पर सीडी और दस्तावेज पेश किए। वहीं कलेक्टर ने देढ़ घंटे तक उन पर लगे आरोपों पर सफाई दी।
एसडीएम रवीश श्रीवास्तव सुबह 11 बजे अपने निजी सुरक्षा कर्मी के साथ आयुक्त कार्यालय पहुंचे थे। वे वहां से शाम 4.26 बजे निकले। उन्होंने पत्र में लगाए गए आरोपों के प्रमाण दिए। साथ ही उन पर लगे आरोपों पर सफाई दी। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने प्रमाण के तौर पर जो सीडी सौंपी है उसमें घटना दिनांक को हुए विवाद औररेत भंडारण स्थल की रिकार्डिंग है। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह अपना बयान देने दोपहर को 3.45 बजे जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह के साथ में आयुक्त कार्यालय पहुंचे। जहां वो किसी से मिले बिना ही आयुक्त के पीए कार्यालय में लिखित बयान दर्ज कराने लगे। इसके बाद वो करीब 1 घंटा 22 मिनट बाद बिना किसी से बात किए निकल गए। उन्होंने भी एसडीएम पर लगे आरोप के प्रमाण दिए।