स्थिति यह थी कि प्रभारी मंत्री के पहुंचने के बाद स्टेज पर लगा बैनर बदलना पड़ा। पहले उसमें सीएम और प्रभारी मंत्री का फोटो नहीं था कार्यक्रम में आमंत्रित सभी अतिथियों का अभिनंदन किया गया था। बाद में दूसरा फ्लैक्स लगाया गया। फ्लैक्स पर जिला कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व अध्यक्ष कपिल फौजदार का नाम बाद में लिखा था। शिलालेख पर भी उनका नाम नहीं था। इस पर उन्होंने सीएमओ पीके सिंह के सामने नाराजगी दर्ज कराई।
दोनों दलों के अतिथियों की संख्या अधिक होने से मंच पर बैठने के लिए कुर्सियां नहीं बची। एसपी एमएल छारी जगह नहीं मिलने पर सामने लोगों के बीच जाकर बैठ गए। बाद में उन्हें मंच पर कुर्सी दी गई। इतना ही नहीं प्रभारी मंत्री के भूमि पूजन करने के बाद भाजपा पार्षद जितेन्द्र तिवारी व राजस्व सभापति अजय रतनानी ने दोबारा अपने हाथ में गैंती लेकर प्रभारी मंत्री शर्मा के साथ फोटो खिचवाई। कार्यक्रम के बाद कांग्रेसी पार्षदों सहित कुछ भाजपा पार्षदों ने भी अम्रत योजना के तहत उनके वार्ड में दिए कनेक्शन पर राशि वसूलने के संबंध में प्रभारी मंत्री के सामने विरोध जताया।
प्रभारी मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार नर्मदा परिक्रमा पथ पर २० स्थानों पर ४ करोड़ की लागत से विश्राम गृह बनाया जा रहे हैं। इन विश्राम गृहों में परिक्रमा वासियों को सभी तरह की सुविधाएं मिलेगी। साथ ही इस राशि से नर्मदा परिक्रमा पथ की मरम्मत की जाएगी।
मप्र शहरी विकास कंपनी लिमिटेड द्वारा 170 करोड़ की लागत से इस पंपिंग स्टेशन को तैयार किया जाएगा। इसके तहत 196 किमी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इस पंपिंग स्टेशन के माध्यम से नाले के गंदे पानी को फिल्टर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। नर्मदा में नाले का गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए नपा और जर्मनी की कंपनी केएफ डब्ल्यू अर्बन सेनिटेशन एंड एन्वायरमेंट प्रोग्राम की रिपोर्टज़् के अनुसार एसटीपी तैयार की है। योजना के तहत शहर के आधा दर्जन नालों को आपस में जोड़कर मुख्य कोरीघाट नाले से जोड़कर सीवेज पाइप लाइन बिछाई जाएगी। मुख्य पाइप लाइन आदमगढ़ पहाडिय़ा के पीछे बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ेगा। प्लांट में गंदे पानी को साफ करने के बाद इसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा। 28 सितंबर 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कंपनी 10 साल तक इसका मेंटेनेंस भी करेगी।