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होशंगाबाद

विधानसभा अध्यक्ष के करीबी को कांग्रेस ने बनाया सचिव, मचा बवाल

चौबीस घंटे के अंदर भंग करना पड़ी जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी

होशंगाबादAug 21, 2018 / 04:33 pm

बृजेश चौकसे

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होशंगाबाद। कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी 24 घंटे भी अस्तित्व में नहीं रही। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा के करीबी और फूलछाप कांग्रेसियों को पद मिलने के बाद मचे घमासान के चलते सोमवार शाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नवनियुक्त कार्यकारिणी को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए। इतना ही नहीं कार्यकारिणी में ऐसे लोगों को पद से नवाजा गया था, जो पार्टी के प्राथमिक सदस्य तक नहीं हैं। वरिष्ठ नेताओं को निचले पद और कनिष्ठों को उच्च पद दिए गए थे। इसके चलते सूची जारी होने के बाद से ही असंतोष शुरू हो गया था और दो नवनियुक्त महिला पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही अपने इस्तीफे पोस्ट कर दिए थे। ज्ञात रहे कि इससे पहले भी सर्वसम्मति से नाम तय नहीं होने पर पीसीसी ने जिला कार्यकारिणी की घोषणा रोक दी थी। बावजूद रायशुमारी नहीं की गई।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने सोमवार को नवनियुक्त होशंगाबाद जिला कार्यकारिणी निरस्त कर दी है। उन्होंने जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार को निर्देश दिए हैं कि वे जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों से संपर्ककर उनकी सहमति प्राप्त करें। इसके बाद दोबारा कार्यकारिणी गठन कर सूची स्वीकृति के लिए प्रदेश कार्यालय भेजें। सूत्र बताते हैं कि जिला कार्यकारिणी में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी गुट की उपेक्षा की गई थी। इन नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व से इसकी शिकायत की थी। आरोप लगाए गए थे कि कार्यकारिणी में भाजपा एवं विधानसभा अध्यक्ष के करीबी लोगों को पद दिए गए हैं। अधिवक्ता मेघदीप गौर को सचिव बनाया गया था, जबकि वे विधानसभा अध्यक्ष के भतीजे के लॉ चैंबर के सदस्य हैं। उन्होंने जिला कांग्रेस प्रवक्ता को एक मामले मेंं उनकी तरफ से नोटिस भी भेजा था। इसकी भी शिकायत की गई थी। सूत्र बताते हैं कि शिकायतों के चलते प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने नाराजगी भी जाहिर की थी। इसके बाद जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार को सभी से समन्वय बनाने के आदेश दिए गए।
नाराज दो नेत्रियों ने दिए इस्तीफे

पिपरिया के राजा पलिया को प्राथमिक सदस्य नहीं होने के बाद भी उपाध्यक्ष बना दिया गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही यह पद लेने से इंकार कर दिया था। सोमवार को कमतर पद मिलने से नाराज दो महिला नेत्रियों ने सीमा श्रीवास और साधना दुबे ने पार्टी को अपने इस्तीफे भेज दिए। दोनों को सह सचिव बनाया गया था। उन्होंने सोशल मीडि़या पर ही इस्तीफे देने की पोस्ट डाल दी थी। उनका कहना है कि पार्टी की कार्यकर्ता बनकर सेवा करती रहेंगी।
यह गलतियां पड़ी भारी

– सिंधिया और पचौरी समर्थकों की उपेक्षा

– पचमढ़ी से महज एक ही पदाधिकारी बनाना

– वरिष्ठ नेताओं को सचिव और सहसचिव बनाना।

– वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी कर कार्यकारिणी बनाना।
– केसला के निर्वाचित ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष की भी जिले में नियुक्ति करना।

इनका कहना है

अभी सूची निरस्त होने के संबंध में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है, अगर कोई पदाधिकारी इस्तीफा देंता है तो उसे स्वीकार कर लिया जाएगा।
कपिल फौजदार, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

किसी बड़े नेता की कोई नाराजगी नहीं है। शायद जिले के कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम रह गए होंगे या वरिष्ठता को लेकर कुछ लोगों में असंतोष इसकी वजह हो सकता है। इसी कारण से कार्यकारिणी निरस्त हुई होगी। जल्द ही जिलाध्यक्ष समन्वय कर सूची जारी कराएंगे।
राजेंद्र ठाकुर, मीडिया पैनेलिस्ट प्रदेश कांग्रेस

‘विधानसभा अध्यक्ष मेरे पितातुल्य हैं। निश्चित तौर पर मैं, उनका करीबी हूं, लेकिन यह मेरा पारिवारिक मामला है। लेकिन राजनीतिक विचारधारा अलग है। यदि ऐसा नहीं होता तो जब पूरा शर्मा परिवार ही भाजपा में जा चुका है तो मैं भी चला जाता। मेरा व्यवसाय अलग है, वह अपनी जगह है और पार्टी अपनी जगह। यदि कांग्रेस को लगता है कि मैंने गलत किया है तो वह तीन मिनिट में मुझे बाहर कर दें।
मेघदीप गौर, अधिवक्ता एवं नवनियुक्त जिला सचिव

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