ऐसे करेगा काम
प्रोजेक्ट के अंतगर्त हर अदालत में तीन डिवाइस लगाई गई हैं। जज के सामने एक छोटी एलसीडी डिवाइस होगी। जिसमें एक रोटेड माइक होगा। इसके द्वारा जज और वकील पेशी पर सवाल जवाब करेंगे। दूसरी बड़ी एलइडी डिवाइस में कैदी को देख सकेंगे। बाकी पक्षकार को कोर्ट में जाकर गवाही देनी होगी। ये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वीडियो डेस्कटॉप सोफ्टवेयर द्वारा की जाएगी। इसके लिए सभी कोर्ट के लिए अलग-अलग आईडी जनरेट की गई है। इसमें डेटा सिस्टम फीड किया जाएगा। कोर्ट जज के हस्ताक्षर भी पेनड्राइव के माध्यम से डिजीटल फॉर्म में दिए जाएंगे।
कैदी और पक्षकार के बयान व पेशी के लिए कोर्ट और जेल को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा है। जेल में करीब डेढ़ साल पहले वीसी रूम का सेटअप तैयार हुआ है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यवस्था लागू होने के बाद जेल में ही आरोपियों की रिमांड की सुनवाई की जाएगी।
सभी डिर्पामेंट आज कल इलेक्ट्रानिक फोर्म में बदले है। कोर्ट को भी इ-कोड फॉर्म में लाया जा रहा है। इससे समय की बचत होगी। साथ ही लोगों की समस्याओंं का समाधान जल्दी होगा। वकीलों, बाबूओं की डिपेंडेंसी कम होगी।
पवन सिंह, सिस्टम ऑफिसर