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होशंगाबाद

नवाचार : अब कोर्ट में इस तरह होगी डॉक्टर और कैदियों की पेशी

जिले के सभी कोर्ट, तहसील और अस्पतालों को वाइड एरिया नेटवर्क से जोड़ा

होशंगाबादJul 21, 2018 / 01:37 pm

poonam soni

Video Conferencing

Ti testimony of Bhopal from video conferencing

होशंगाबाद। जिले के सभी कोर्ट, तहसील, जिला अस्पताल और जिला जेल को वाइड एरिया नेटवर्क से जोड़ा गया है। इससे जिला कोर्ट में कैदियों और डॉक्टर्स की पेशी अब वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से होगी। यह सुविधा छह कोर्ट व जिला जेल में दी गई हैं। इस इ-कोर्ट प्रोजेक्ट के बाद जहां कोर्ट की कागजी कार्यवाही पर रोक लगेगी वहीं त्वरित निराकरण होगा। इससे समय की बर्वादी और कई बार समय पर पक्षकार के कोर्ट नहीं पहुंचने से केसों की पेंडेंसी भी खत्म हो जाएगी। इसके अलावा बड़े मामले में कैदी के फरार होने का डर भी नहीं रहेगा।
वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की ट्रेनिंग आज : वीडियों कॉन्फें्रसिंग की ट्रेनिंग शनिवार को जिला पंचायत सभा कक्ष में सुबह १० बजे से होगी। प्रशिक्षण कार्यशाला जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्यामकांत कुलकर्णी की अध्यक्षता में होगी। ओडीसी यशपाल सिंह मध्यप्रदेश ज्यूडिशयल अकादमी जबलपुर द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जिला अस्पताल में तैयार हो रहा वीसी रूम : सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को भी विशेष परिस्थती के छोड़कर पेशी के लिए कोर्ट नहीं आना पड़ेगा। इसके लिए जल्द ही जिला अस्पताल में वीसी रूम भोपाल के टेक्रीकल इंजीनियर द्वारा तैयार किया जाएगा। सिविल सर्जन सुधीर डहरिया ने बताया कि वीसी रूम से लिए डिस्ट्रीक्ट हास्पिटल से आदेश आए हैं। जिसमें रोगी कल्याण समिति को एक लाख रुपए के बजट की डिमांड औैर वीसी रूम का चयन कर भेजा है। फंड आने के बाद 15 से 20 दिन में यह तैयार हो जाएगा।
ऐसे करेगा काम
प्रोजेक्ट के अंतगर्त हर अदालत में तीन डिवाइस लगाई गई हैं। जज के सामने एक छोटी एलसीडी डिवाइस होगी। जिसमें एक रोटेड माइक होगा। इसके द्वारा जज और वकील पेशी पर सवाल जवाब करेंगे। दूसरी बड़ी एलइडी डिवाइस में कैदी को देख सकेंगे। बाकी पक्षकार को कोर्ट में जाकर गवाही देनी होगी। ये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वीडियो डेस्कटॉप सोफ्टवेयर द्वारा की जाएगी। इसके लिए सभी कोर्ट के लिए अलग-अलग आईडी जनरेट की गई है। इसमें डेटा सिस्टम फीड किया जाएगा। कोर्ट जज के हस्ताक्षर भी पेनड्राइव के माध्यम से डिजीटल फॉर्म में दिए जाएंगे।

केंद्रीय जेल भी जुड़ा
कैदी और पक्षकार के बयान व पेशी के लिए कोर्ट और जेल को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा है। जेल में करीब डेढ़ साल पहले वीसी रूम का सेटअप तैयार हुआ है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यवस्था लागू होने के बाद जेल में ही आरोपियों की रिमांड की सुनवाई की जाएगी।
सभी डिर्पामेंट आज कल इलेक्ट्रानिक फोर्म में बदले है। कोर्ट को भी इ-कोड फॉर्म में लाया जा रहा है। इससे समय की बचत होगी। साथ ही लोगों की समस्याओंं का समाधान जल्दी होगा। वकीलों, बाबूओं की डिपेंडेंसी कम होगी।
पवन सिंह, सिस्टम ऑफिसर

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