कोतवाली पुलिस ने बताया कि शाम साढ़े छह बजे राजेंद्र के फांसी लगाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे फंदे से उतारा। कमरे की तलाशी ली गई। जहां से सुसाइड नोट, मोबाइल सहित अन्य हिसाब-किताब के दस्तावेज बरामद किए हैं। कमरे को सील कर दिया गया है। सुसाइड नोट में सूदखोरों के नाम होना बताया जा। उस पर सूदखोर 50 लाख का कर्ज एवं इससे तीन गुना अधिक ब्याज देने का दबाव था।
जब्त रजिस्टर के पन्ने में 1 करोड़ 14 लाख रुपए के लेनदेन का हिसाब लिखा हुआ है। पहले हिस्से में 65 लाख 82 हजार 400 रुपए एवं उसके नीचे के हिस्से में 48 लाख 40 हजार रुपए का लेखाजोखा है।
कर्ज में डूबे राजेंद्र के साथ मीनाक्षी चौक के गिन्नी कंपाउंड में संचालित फाइनेंस कंपनी ने भी करीब 2 लाख की ठगी की थी। पुलिस ने कंपनी संचालक को गिरफ्तार कर करीब 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी का पर्दाफाश कर केस दर्ज किया था।