उपसंचालक ने मंडी सचिव, अध्यक्ष व सदस्यों को किया तलब
कृषि उपज मंडी की एक दुकान का आवंटन पूरी राशि जमा होने के बाद भी रद्द करने के मामले में मंडी सचिव और अध्यक्ष से लेकर पूरी समिति को भोपाल तलब किया गया है। उनसे राजधानी में राज्य विपणन बोर्ड की उपसंचालक रितु चौहान जवाब-तलब करेंगी। सचिव पर सामान्य सम्मेलन की बैठक की प्रोसोडिंग में भी बदलाव करने का आरोप है।
उपसंचालक ने मंडी सचिव, अध्यक्ष व सदस्यों को किया तलब
होशंगाबाद. कृषि उपज मंडी की एक दुकान का आवंटन पूरी राशि जमा होने के बाद भी रद्द करने के मामले में मंडी सचिव और अध्यक्ष से लेकर पूरी समिति को भोपाल तलब किया गया है। उनसे राजधानी में राज्य विपणन बोर्ड की उपसंचालक रितु चौहान जवाब-तलब करेंगी। सचिव पर सामान्य सम्मेलन की बैठक की प्रोसोडिंग में भी बदलाव करने का आरोप है। ज्ञात रहे कि 30 अगस्त को हुए सामान्य सम्मेलन में समिति ने वीरेंद्र कुमार यादव की सेंड्रीशॉप क्रमांक 16 का आबंटन निरस्त करने का प्रस्ताव पास किया था। आधार बनाया गया कि उन्होंने दुकान की रजिस्ट्री नहीं कराई। जबकि यादव उस दुकान की पूरी राशि जमा कर चुके हैं। यादव ने इसकी शिकायत राज्य कृषि विपणन बोर्ड में की थी। बोर्ड की उप संचालक रितु चौहान ने गुरुवार को मंडी सचिव नीलकमल वैद्य, अध्यक्ष जानकी मीना व सभी उपस्थित सदस्यों को भोपाल तलब किया है। सचिव को नोटिस जारी कर कहा कि वह सदस्यों को अवगत कराएं और सभी दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में उपस्थित हो। वरना बोर्ड एक पक्षीय कार्रवाई करेगा। मंडी सचिव को प्रकरण से संबंधित मूल दस्तावेज और बैठक की उपस्थिति पंजी के साथ ही इस संबंध में एक तत्याथत्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक दबाव में पद का दुरुपयोग की शिकायत : यादव ने अपनी शिकायत पर मंडी सचिव पर राजनीतिक दबाव में आकर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मंडी समिति द्वारा 20 दुकानों को आवंटन किया गया इनमें से अधिकतम आवंटियों ने एक भी रुपए जमा नहीं किया इसके बाद भी किसी की भी दुकान का आवंटन निरस्त नहीं किया गया।
पूर्व कार्यकाल में भी लगे थे आरोप
मंडी सचिव नीलकमल वैद्य पर आरोप लगने का सिलसिला नया नहीं है। पूर्व में वे गैरतगंज कृषि मंडी में सचिव थी। वर्ष 2016 में गैरजगंज मंडी के तत्कालीन लेखापाल ओमकार सिंह दांगी द्वारा 40 चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर 36 लाख का गबन करने का मामला सामने आया था। इस मामले में मंडी बोर्ड द्वारा जांच की गई। जांच प्रतिवेदन में भी तत्कालीन मंडी सचिव वैद्य को दोषी मानते हुए अपने दायित्व का निर्वाह्न न करने की बात कही थी। मामले में लेखापाल दांगी पर कार्रवाई भी हुई है। हालांकि इस मामले में मंडी सचिव वैद्य ने कहा कि इस मामले का होशंगाबाद मंडी से लेना-देना नहीं है इसलिए वे टिप्पणी नहीं करेंगी।
इनका कहना है
उपसंचालक कार्यालय से दस्तावेजों के साथ उपस्थिति होने का पत्र मिला है। सभी को सूचना दी गई है। हम पूरे दस्तावेजों के साथ उपसंचालक के पास अपना पक्ष रखेंगे।
नीलकमल वैद्य, मंडी सचिव
दुकान का प्रस्ताव निरस्त करने के संबंध में शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच के लिए मंडी सचिव, अध्यक्ष सभी सदस्यों व आवेदक को बुलाया है।
रितु चौहान, उपसंचालक राज्य विपणन बोर्ड
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