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होशंगाबाद

आधुनिक मशीनों की मदद से यहां तैयार होंगे डीजल मैकेनिक

22 करोड़ से बना नया आइटीआइ भवन

होशंगाबादMay 21, 2019 / 01:10 pm

devendra awadhiya

Diesel mechanic will be ready with the help of modern machines

आधुनिक मशीनों की मदद से यहां तैयार होंगे डीजल मैकेनिक

देवेंद्र अवधिया/होशंगाबाद। आइटीआइ के नए सत्र से होशंगाबाद में ही डीजल मैकेनिक तैयार होंगे। इसके लिए आइजी कार्यालय के सामने स्थित आइटीआइ परिसर में 22 करोड़ की लागत से नया भवन बनाया जा रहा है। इसमें अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से प्रशिक्षाणर्थियों को डीजल इंजन की तकनीक सिखाई जाएगी।
अभी तक इस टे्रड के लिए छात्र-छात्राओं को बड़े शहर की आइटीआई में प्रशिक्षण लेना पड़ता था। अन्य चालू टे्रडों में भी व्यवहारिक रूप से तकनीकीप्रशिक्षण मिलेगा। इस तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र में नए प्र्रशासनिक, अकादमिक, परीक्षा भवन के साथ ही वर्कशॉप और मल्टीपरपस हाल का निर्माण जारी है। इसके साथ ही पब्लिक पार्टनरशिप के तहत प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी से नई मशीनें भी लगेंगी। प्लेसमेंट और एप्र्रेन्टिसशिप से प्रशिक्षार्थियों को स्वरोजगार के मौके मिलेंगे।

आइटीआइ में अभी सुविधाओं की कमी : वर्तमान में आइटीआइ परिसर बदहाल स्थिति में है। जो भी पुराने भवन और वर्कशॉप हैं, वह जर्जर हो चुके हैं। प्रशिक्षणार्थियों को जगह कम पड़ रही है। चालू सत्र में करीब 700 छात्र-छात्राएं विभिन्न टे्रडों में अध्ययनरत है। सुसज्जित प्रयोगशाला, मशीनों, भवनों की कमी बनी हुई है। टे्रडों में इलेक्ट्रिशियन, फिटर, टर्नर, मशीनिष्ट, वेल्डर, मोटर मैकेनिक, टै्रक्टर-मैकेनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, कोपा (कंप्यूटर साइंस) स्टेने हिंदी और फैशन टैक्नोलॉजी शामिल है, लेकिन वर्तमान जरुरतों के हिसाब से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-प्रशिक्षण नहीं मिल रहे हैं।
नए प्रोजेक्ट से बदलेगी आइटीआइ की शक्ल : तकनीकी शिक्षा विभाग ने होशंगाबाद आइटीआइ में नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसमें 22 करोड़ की लागत से तीन नए बड़े भवन बनाए जा रहे हैं। भवनों का निर्माण मप्र गृह निर्माण मंडल कर रहा है। इसमें एक-एक प्रशासनिक, अकादमिक, परीक्षा भवन और दो वर्कशॉप सहित एक मल्टीपरपस हाल का निर्माण किया जा रहा है। इन भवनों का निर्माण दिसंबर 2020 में पूरा होगा।
तकनीकी प्रशिक्षण में मिलेगी ये सुविधाएं
नए भवनों के निर्माण के साथ ही आइटीआइ में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के प्रवेश की संख्या बढ़कर 800 से 850 तक हो जाएगी। टे्रडों को नेशनल सर्टिफिकेट फॉर वोकेशनल टे्रनिंग इंस्टीट्यूट से मान्यता मिलेगी। इससे प्रशिक्षण लेने वाले छात्र-छात्राओं को नौकरी व स्वरोजगार में आसानी होगी। भवनों व वर्कशॉप की सुविधा से व्यवहारिक प्रशिक्षण के नई मशीनें लगेंगी। तकनीकी शिक्षकों, एक्सपर्ट के पदों की संख्या भी बढ़ेगी।

डीजल मैकेनिक का नया टे्रड शुरु होगा : आइटीआई में लंबे समय से चल रही नए टे्रड की मांग भी पूरी होने जा रही है। नए सत्र से डीजल मैकेनिक का टे्रड भी शुरू होगा। इससे यूनिट्स बढ़ेगी। 2-2 की जगह 4-4 यूनिट शुरू होने से प्रशिक्षणार्थियों की संख्या में भी इजाफा होगा।
– आइटीआइ में नए प्रोजेक्ट के तहत तीन भवनों व दो वर्कशॉप की सुविधा सहित एनसीबीटी के तहत टे्रडों को भी मान्यता मिलने जा रही है। टे्रडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्राइवेट कंपनियों से एमओयू साइन कर तकनीकी प्रशिक्षण व रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।
सुनील बाडिये, प्राचार्य आइटीआइ, होशंगाबाद

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