सूत्र बताते हैं कि बैठक से पहले दूसरा खेमा पार्टी नेतृत्व के सामने अपना पक्ष
रखने की तैयारी कर रहा है। इस खेमे का मानना है कि एक बार ताजपोशी होने के बाद उनके मामले में कोई सुनवाई नहीं होगी और उनकी समितियां डिफाल्टर होते ही उनका हश्र भी पूर्व अध्यक्ष संतोष पाटिल की तरह हो जाएगा। एेसी स्थिति में कोर्ट के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं बचेगा।
संगठन ने जिन शर्तों पर कराया था राम-भरत मिलाप उनका नहीं हुआ पालन
इसलिए अटकी थी नियुक्ति
जिला सहकारी बैंक में फिलहाल दस सदस्यीय संचालक मंडल है। इसमें संचालक मंडल में दो पद रिक्त हैं। पिछली बार आठ सदस्यों ने चलित बैठक कर राजपूत को अध्यक्ष नियुक्त कर लिया था। इसमें दो सदस्य लौवंशी और पीयूष शर्मा शामिल नहीं हुए थे। इस कारण कोरम पूरा नहीं हुआ था। बावजूद भरत सिंह को अध्यक्ष नियुक्ति करने की घोषणा कर दी गई। इसके खिलाफ लौवंशी हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने ताजपोशी से पहले संचालक मंडल की सहमति लेने के निर्देश दिए। स्टे मिलने के कारण भरत अध्यक्ष की कुर्सी नहीं संभाल पाए। भाजपा संगठन ने दखलंदाजी कर पीयूष और रामचंद्र को राजी किया, इसके बाद यह बैठक बुलाई गई।
अध्यक्ष बनते ही खतरे में दो सोसायटी
संचालक मंडल की बैठक में सहमति बनते ही लौवंशी और पटेल की सहकारी समितियां खतरे में पड़ जाएंगी। सूत्र बताते हैं कि चलित बैठक में दो नए संचालकों की नियुक्ति पर भी सहमति बनी थी। संचालक मंडल राजपूत को अध्यक्ष बनाने पर सहमति देता है तो उसके साथ स्वत: ही दो नए संचालकों की नियुक्ति पर भी मोहर लग जाएगी। साथ ही लौवंशी और पटेल की सदस्यता भी खतरे में आ जाएगी। उनकी सोसायटी भी पटिल की तरह डिफाल्टर घोषित होते ही उनकी सदस्यता भी चली जाएगी।
उपाध्यक्ष की हैसियत से किया अनुमोदन
जिला सहकारी बैंक में ३० दिसंबर को संचालक मंडल की बैठक के एजेंडे का अनुमोदन राजपूत ने ही किया है। अध्यक्ष नहीं होने की स्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते उन्होंने यह अनुमोदन किया।
रखने की तैयारी कर रहा है। इस खेमे का मानना है कि एक बार ताजपोशी होने के बाद उनके मामले में कोई सुनवाई नहीं होगी और उनकी समितियां डिफाल्टर होते ही उनका हश्र भी पूर्व अध्यक्ष संतोष पाटिल की तरह हो जाएगा। एेसी स्थिति में कोर्ट के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं बचेगा।
संगठन ने जिन शर्तों पर कराया था राम-भरत मिलाप उनका नहीं हुआ पालन
इसलिए अटकी थी नियुक्ति
जिला सहकारी बैंक में फिलहाल दस सदस्यीय संचालक मंडल है। इसमें संचालक मंडल में दो पद रिक्त हैं। पिछली बार आठ सदस्यों ने चलित बैठक कर राजपूत को अध्यक्ष नियुक्त कर लिया था। इसमें दो सदस्य लौवंशी और पीयूष शर्मा शामिल नहीं हुए थे। इस कारण कोरम पूरा नहीं हुआ था। बावजूद भरत सिंह को अध्यक्ष नियुक्ति करने की घोषणा कर दी गई। इसके खिलाफ लौवंशी हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने ताजपोशी से पहले संचालक मंडल की सहमति लेने के निर्देश दिए। स्टे मिलने के कारण भरत अध्यक्ष की कुर्सी नहीं संभाल पाए। भाजपा संगठन ने दखलंदाजी कर पीयूष और रामचंद्र को राजी किया, इसके बाद यह बैठक बुलाई गई।
अध्यक्ष बनते ही खतरे में दो सोसायटी
संचालक मंडल की बैठक में सहमति बनते ही लौवंशी और पटेल की सहकारी समितियां खतरे में पड़ जाएंगी। सूत्र बताते हैं कि चलित बैठक में दो नए संचालकों की नियुक्ति पर भी सहमति बनी थी। संचालक मंडल राजपूत को अध्यक्ष बनाने पर सहमति देता है तो उसके साथ स्वत: ही दो नए संचालकों की नियुक्ति पर भी मोहर लग जाएगी। साथ ही लौवंशी और पटेल की सदस्यता भी खतरे में आ जाएगी। उनकी सोसायटी भी पटिल की तरह डिफाल्टर घोषित होते ही उनकी सदस्यता भी चली जाएगी।
उपाध्यक्ष की हैसियत से किया अनुमोदन
जिला सहकारी बैंक में ३० दिसंबर को संचालक मंडल की बैठक के एजेंडे का अनुमोदन राजपूत ने ही किया है। अध्यक्ष नहीं होने की स्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते उन्होंने यह अनुमोदन किया।
संगठन के साथ है
मैं संगठन के साथ हूं। पार्टी ने जो तय किया है वैसा ही होगा। हम तो सहकारी बैंक में चल रहा गतिरोध खत्म करना चाहता है जिससे बैंक की स्थिति में सुधार हो।
पीयूष शर्मा, संचालक
बैठक की सूचना मिली है। मैं बैठक में जाऊंगा लेकिन अभी सहमति के सबंध में कुछ नहीं कह सकता है। उसी दिन वहीं पता चल जाएगा क्या हुआ।
रामचंद्र लौवंशी, उपाध्यक्ष
अध्यक्ष के नाम के अनुमोदन के लिए ३० दिसंबर को संचालक मंडल की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में संचालक मंडल के अनुमोदन के बाद ही भरत सिंह राजपूत अध्यक्ष का कार्यभार लेंगे।
आरबीएस ठाकुर, सीईओ, सहकारी बैंक
मैं संगठन के साथ हूं। पार्टी ने जो तय किया है वैसा ही होगा। हम तो सहकारी बैंक में चल रहा गतिरोध खत्म करना चाहता है जिससे बैंक की स्थिति में सुधार हो।
पीयूष शर्मा, संचालक
बैठक की सूचना मिली है। मैं बैठक में जाऊंगा लेकिन अभी सहमति के सबंध में कुछ नहीं कह सकता है। उसी दिन वहीं पता चल जाएगा क्या हुआ।
रामचंद्र लौवंशी, उपाध्यक्ष
अध्यक्ष के नाम के अनुमोदन के लिए ३० दिसंबर को संचालक मंडल की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में संचालक मंडल के अनुमोदन के बाद ही भरत सिंह राजपूत अध्यक्ष का कार्यभार लेंगे।
आरबीएस ठाकुर, सीईओ, सहकारी बैंक