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होशंगाबाद

कोर्ट के आदेश के बाद भी पीएस ने चालू नहीं कराए खदानों के ईटीपी पोर्टल

बीते 25 दिनों से ईटीपी पोर्टल बंद चल रहा है, जिसके कारण कंपनी के कोराबार साथ खुद खनिज विभाग की राजस्व आय पर भी असर पड़ रहा है। निर्माण से जुड़े लोगों को अभी भी बारिश के स्टॉक की महंगी रेत खरीदनी पड़ रही।

होशंगाबादNov 23, 2021 / 08:43 pm

devendra awadhiya

कोर्ट के आदेश के बाद भी पीएस ने चालू नहीं कराए खदानों के ईटीपी पोर्टल

कोर्ट के आदेश के बाद भी पीएस ने चालू नहीं कराए खदानों के ईटीपी पोर्टल

होशंगाबाद. खनिज विभाग के भोपाल स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की हठधर्मी के चलते हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी एक भी खदान चालू नहीं हो सकी है, जबकि 262 करोड़ की कुल 118 खदानों में से एनजीटी की रोक हटने के बाद से ठेका कंपनी 40 खदानों को चालू करने की तैयारियां एक माह पहले ही कर चुकी है। बता दें कि बीते 25 दिनों से ईटीपी पोर्टल बंद चल रहा है, जिसके कारण कंपनी के कोराबार साथ खुद खनिज विभाग की राजस्व आय पर भी असर पड़ रहा है। निर्माण से जुड़े लोगों को अभी भी बारिश के स्टॉक की महंगी रेत खरीदनी पड़ रही। सरकारी निर्माण-विकास कार्य भी अटके पड़े हैं। जिले के प्रशासनिक हालात ये हैं कि वैध खदानें चालू कराने में अधिकारी सक्रियता नहीं दिखा रहे। इसका फायदा रेत माफिया उठा रहा है। जिले के नर्मदा-तवा और सहायक नदियों से जुड़ी खदानों में अवैध कारोबारी राजनैतिक संरक्षण में जमकर खुलेआम अवैध खनन और टै्रक्टर-ट्रॉलियों से परिवहन कर रहा है। डंपरों से ओवरलोड रेत भरकर भोपाल-देवास आदि दूरस्थ बड़े शहरों में सप्लाई हो रही है। रेत ठेका कंपनी आरकेटीसी ने बीते दिवस बाबई के देवलाखेड़ी तवा नदी की धार रोककर किए जा रहे रास्ते-पुल के अवैध निर्माण को लेकर भी आपत्ति उठाई थी। प्रशासन भी इस मामले अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया।

दो दिन बाद पोर्टल चालू होने की उम्मीद
बताया जाता है कि खनिज विभाग के पीएस छुट्टी पर चल रहे। ठेका कंपनी ने हाईकोर्ट जबलपुर से इस संबंध में आदेश लाकर खनिज विभाग में भी बीते दिनों पुटअप कर दिया है। फाइल आगे ही नहीं बढ़ रही। जिले में कंपनी 40 खदानें शुरू करने वाली है, लेकिन पोर्टल बंद रहने से खदानों में खनन-परिवहन शुरू नहीं किया जा सका है। भोपाल, देवास, इंदौर, धार-खरगोन तक की गाडिय़ां वापस लौट रही है। बारिश के स्टॉक की रेत महंगी होने से इसका परिवहन बहुत कम हो पा रहा। होरियापीपर खदान को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ है। कीरपुरा, मेहराघाट के मुक्कदम मजदूरों की सहमति के बाद भी खदान को चालू नहीं होने दे रहे। बीते माह में दो बार झगड़े-मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी है। पुलिस ने भी केस दर्ज किए, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका।

शासन के आदेश की प्रतिक्षा जिले में
जिला स्तर पर जिले की ठेके वैध खदानों को चालू करने के कोई प्रयास नहीं हो रहे। अधिकारी शासन स्तर से ही दिशा-निर्देश पर निर्भर हैं। आगामी आदेश का इंतजार कर रहे। खनिज निगम के अधिकारी भी अपनी खदानों को चालू कराने कोई रूचि नहीं ले रहे। खदानों का सीमांकन और निरीक्षण तक नहीं हो रहा, जिसके चलते रेत माफिया जमकर फायदा उठा रहा।

जिले की वैध खदानों और इनके ईटीपी पोर्टल को चालू करने को लेकर खनिज निगम की बता सकता है। खदान-तटों पर अवैध खनन-परिवहन को रोकने के लिए लगातार निरीक्षण व कार्रवाइयां चल रही है। बीते दिवस चार वाहनों को जब्त कर प्रकरण दर्ज कराए गए हैं।
-शशांक शुक्ला, जिला खनिज अधिकारी होशंगाबाद
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