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होशंगाबाद

राजस्व विभाग की मोहलत के बाद भी किसान खेल मैदान से नहीं हटा रहे उपज, खिलाड़ी हो रहे परेशान

राजस्व विभाग की मोहलत के बाद भी किसान खेल मैदान से नहीं हटा रहे उपज, खिलाड़ी हो रहे परेशान

होशंगाबादNov 22, 2021 / 08:32 pm

Manoj Kundoo

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राजस्व विभाग की मोहलत के बाद भी किसान खेल मैदान से नहीं हटा रहे उपज, खिलाड़ी हो रहे परेशान
खिलाडिय़ों के विरोध के बाद २० नवंबर तक कब्जा हटाने के दिए थे निर्देश
इटारसी। खेल मैदान में कब्जा करके उसमें धान सुखाने का काम किया जा रहा है। पूर्व में भी मामले की शिकायत मिलने के बाद राजस्व अमले ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया था। किसानों को कब्जा हटाने के लिए २० नवंबर तक की मोहलत दी गई थी। बावजूद इसके अब भी कब्जा बरकरार है। जिसकी वजह से अब खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने के संबंध में नवंबर २०२० में नायब तहसीलदार होशंगाबाद ने आदेश जारी किया था। बावजूद इसके किसानों द्वारा खेल मैदान में अतिक्रमण कर धान सुखाने का काम किया जा रहा है। वर्ष २०२० में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी जितेन्द्र चौधरी एवं अन्य आवेदकगण निवासी ब्यावरा द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत कर गांव में स्थित लगभग 5 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायत की गई थी। प्रकरण में हल्का पटवारी से जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन मय पंचनामा प्रस्तुत कर प्रतिवेदित किया गया कि ग्राम ब्यावरा में खेल मैदान खसरा नंबर 298 रकबा 0.809 हेक्टेयर, सोसायटी, आंगनबाड़ी भवन एवं खसरा नंबर 297 में 0.295 हेक्टेयर पर चारागाह है। खेल मैदान में गांव के युवा खेलने तथा पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं। खेल मैदान में कब्जा कर धान सुखाने की वजह से युवाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। जितेंद्र चौधरी व अन्य युवाओं ने बताया कि किसानों से अपने निजी भूमि पर धान सुखाने की बोलने पर विवाद की स्थिति बन जाती है। जितेंद्र ने बताया कि गांव में एक ही खेल मैदान है, जिस पर अभ्यास किया जाता है। पिछले दस साल की लड़ाई के बाद खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराया गया, लेकिन एक बार फिर इस पर कब्जा करने की साजिश चल रही है।
राजस्व विभाग की मोहलत के बाद भी किसान खेल मैदान से नहीं हटा रहे उपज, खिलाड़ी हो रहे परेशान
खिलाडिय़ों के विरोध के बाद २० नवंबर तक कब्जा हटाने के दिए थे निर्देश
इटारसी। खेल मैदान में कब्जा करके उसमें धान सुखाने का काम किया जा रहा है। पूर्व में भी मामले की शिकायत मिलने के बाद राजस्व अमले ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया था। किसानों को कब्जा हटाने के लिए २० नवंबर तक की मोहलत दी गई थी। बावजूद इसके अब भी कब्जा बरकरार है। जिसकी वजह से अब खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने के संबंध में नवंबर २०२० में नायब तहसीलदार होशंगाबाद ने आदेश जारी किया था। बावजूद इसके किसानों द्वारा खेल मैदान में अतिक्रमण कर धान सुखाने का काम किया जा रहा है। वर्ष २०२० में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी जितेन्द्र चौधरी एवं अन्य आवेदकगण निवासी ब्यावरा द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत कर गांव में स्थित लगभग 5 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायत की गई थी। प्रकरण में हल्का पटवारी से जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन मय पंचनामा प्रस्तुत कर प्रतिवेदित किया गया कि ग्राम ब्यावरा में खेल मैदान खसरा नंबर 298 रकबा 0.809 हेक्टेयर, सोसायटी, आंगनबाड़ी भवन एवं खसरा नंबर 297 में 0.295 हेक्टेयर पर चारागाह है। खेल मैदान में गांव के युवा खेलने तथा पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं। खेल मैदान में कब्जा कर धान सुखाने की वजह से युवाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। जितेंद्र चौधरी व अन्य युवाओं ने बताया कि किसानों से अपने निजी भूमि पर धान सुखाने की बोलने पर विवाद की स्थिति बन जाती है। जितेंद्र ने बताया कि गांव में एक ही खेल मैदान है, जिस पर अभ्यास किया जाता है। पिछले दस साल की लड़ाई के बाद खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराया गया, लेकिन एक बार फिर इस पर कब्जा करने की साजिश चल रही है।
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