संघ के वरिष्ठ नेता हरिशंकर सारन की अध्यक्षता में आयोजित सभा में संघ के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य योगेंद्र सिंह भांबू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। 10 दिनों में कर्ज माफ करने की बात करने वाली सरकार 10 महीने बीत जाने के बाद भी किसानों की सुध नहीं ले रही है। किसान कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है। अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन, मक्का एवं उड़द की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है। किसान के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। इस विषम परिस्थिति में संघ जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से मांग करता है कि अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का शीघ्र सर्वे कराके आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत राहत राशि एवं फसल बीमा का लाभ किसानों को दें। प्रदेश उपाध्यक्ष रामकृष्ण चौधरी ने कहा कि फिलहाल चेतावनी रैली के माध्यम से सरकार को आगाह किया जा रहा है। किसानों की समस्याएं दूर नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। सरकार पिछले वर्ष सोयाबीन खरीदी की 500 रुपए प्रोत्साहन राशि एवं इस वर्ष समर्थन मूल्य पर हुई गेहूं खरीदी का 16 0 प्रति क्विंटल बोनस शीघ्र ही किसानों के खातों में जमा कराए। वरना आंदोलन जिला स्तर से बढ़कर राजधानी भोपाल तक पहुंच सकता है।
सिंचाई परियोजना का काम होगा शुरू
इस दौरान संघ द्वारा जिले की गंजाल मोरन संयुक्त सिंचाई परियोजना का काम शुरू करने, मोटर वीकल एक्ट में बढ़ाई जुर्माने की राशि, कृषि कॉलेज की स्थापना, बिजली समस्या आदि मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया गया। सभा का संचालन जिला मंत्री भगवानदास गौर ने किया एवं आभार जिला अध्यक्ष आनंदराम किरार ने जताया। इस दौरान जिला कोषाध्यक्ष महेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष चिरोंजीलाल विश्नोई, कैलाश जलावड़ा, रामकृष्ण मुकाती, राजेंद्र बांके, बालकृष्ण मलगाये, लोकेश गौर, जगदीश पटेल, बालकदास छापरे, कैलाश गुर्जर, विनय पटेल, विनोद पाटिल, संतोष गौर, आनंद पटेल, रामकृष्ण कुशवाहा आदि मौजूद रहे।