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होशंगाबाद

डेम में जलभराव के लिए किसान हुए लामबंद, कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

निर्माण के 65 साल में अब तक मात्र १४ बार ही भरा है डेम, डेम को देनवा नदी से जोडऩे व केचमेंट एरिया बढ़ाने का काम अधर मे

होशंगाबादSep 06, 2018 / 06:16 pm

govind chouhan

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डेम में जलभराव के लिए किसान हुए लामबंद, कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

पिपरिया. डोकरीखेड़ा डेम को देनवा नदी से जोडऩे और केचमेंट एरिया बढ़ाने का काम लम्बे समय से अधर में है। दो माह पूर्व सैकड़ों किसानों ने इसके विरोध में रैली निकालकर और ज्ञापन देकर प्रशासन को अवगत कराया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। किसान एक बार फिर डेम की मरम्मत, संवद्र्धन कार्य को शुरू कराने लामबंद होने लगे हैं। बुधवार को दर्जनों किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप आक्रोश जताया है।
दक्षिण क्षेत्र पचमढ़ी रोड डोकरीखेड़ा डेम को देनवा नदी से जोडऩे बुधवार को किसानों ने तहसीलदार राजीव कहार को ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने १५ दिन में काम शुरु नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान जसवंत बैंकर रमेश पटेल, छोटेलाल पटेल, विशाल पटेल ने बताया कि डेम में मात्र दो फीट पानी है ऐसे में खेती कैसे होगी।
किसान आर्थिक रूप से टूट जाएगा। ज्ञापन में कहा है कि प्रशासन डेम को देनवा से जोडऩे १५ दिन के अंदर काम शुरू करने का आश्वासन दे ताकि किसानों को राहत मिल सके। किसान देवी रघुवंशी, संजय रघुवंशी, हरि पटेल, छोटेलाल सरपंच, भगवान रघुवंशी, मोहन रघुवंशी, पप्पू, जयकप्रकाश, धर्मेन्द्र नागवंशी, ममता नगोत्रा, अर्चना सावरिया सहित अनेक किसान ज्ञापन देते समय उपस्थित रहे। किसानों ने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी है कि १५ दिन बाद काम शुरू नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

डेम पर निर्भर क्षेत्र के हजारों किसान
उल्लेखनीय है कि दक्षिण क्षेत्र के ४० गांव के हजारों किसान डोकरीखेड़ा डेम पर आश्रित है। इस साल बारिश नहीं होने से डेम में जलभराव दो फीट भी नही है। फसलों को पानी कैसे मिलेगा इसे लेकर किसान चिंतित है। डेम क्षेत्र में नलकूप सफल नहीं होते है। क्षेत्र दो तीन एकड़ के गरीब, आदिवासी किसानों का एक मात्र सहारा डेम है।

65 साल में 14 बार ही भरा है डेम
किसानो और सिंचाई विभाग के अनुसार हर तीन साल में भारी बारिश के बीच ही डेम पानी से फुल हुआ है। किसानों के अनुसार ६५ साल में सिर्फ १४ बार ही डेम पूरा भरा है बाकी सालों में डेम खाली ही रहा जिससे किसानों को काफी परेशान होना पड़ता है और उनके सामने सिंचाई की समस्या होती है।
देनवा से पानी लिफ्ट होने पर मिल सकती है राहत
महज दो किमी दूर देनवा नदी से पानी केनाल के जरिए डेम में लिफ्ट किया जा सकता है जो संभव भी है तो डेम में साल भर किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है। लेकिन हजारों किसानों की इस समस्या को शासन-प्रशासन प्राथमिकता से क्यों नहीं ले रहा है यह सवाल किसान उठा रहे है।

डेम के गहरीकरण लिंकअप की योजना प्रस्तावित
डेम केचमेंट एरिया बहुत कम है जिससे बारिश का पानी अपेक्षा अनुरूप नहीं भर पाता है। शासन स्तर पर डेम को देनवा नदी से जोडऩे केनाल से पानी डेम मे लाने की योजना का प्रस्ताव लंबित है। अधिकारी, इंजीनियर दो बार सर्वे भी कर चुके हैं लेकिन धरातल पर डेम संवद्र्धन का काम अधर में है।

किसानों ने डेम को नदी से जोडऩे ज्ञापन दिया है। किसानों की समस्या से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
राजीव कहार, तहसीलदार, पिपरिया

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