घर और गाड़ी में अपने साथ हमेशा प्राथमिक उपचार किट रखना चाहिए। डूबने, जलने, हृदयघात, सड़क दुर्घटना और आत्मघात में प्राथमिक उपचार से जान बचाई जा सकती है। घायल इंसान को तुरंत उपचार मिलना चाहिए। प्राथमिक उपचार कोई भी कर सकता है इसके लिए एक मामूली प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
– पीडि़त को पानी से बाहर निकालें। कंबल से ढक दें।
– सुनिश्चित करें कि उसमें हाइपोथर्मिया के लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं।
– यदि पीडि़त सांस नहीं ले रहा है तो तुरंत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिस्साइटेशन) दें। इस तकनीक में व्यक्ति के सीने पर दबाव डालकर उसकी सांस लौटाई जाती है।
– जले स्थान पर पांच मिनट तक ठंडा पानी डालें। रगड़े नहीं। – हल्के कसाव से पट्टी बांध दें, जिससे वहां संक्रमण न हो सके।
सड़क दुर्घटना में प्राथमिक उपचार
– बेहोश व्यक्ति को चपत लगाकर या हिलाकर होश में लाने की कोशिश न करें। – खून बहने से रोकें।
– गर्दन या रीढ़ में चोट लगे व्यक्ति को इधर से उधर खिसकाया न जाए।
– घायल का सांस लेते रहना जरूरी है। यदि सांस बंद हो तो कृत्रिम सांस देने का उपाय करें। – इस दौरान एंबुलेंस या किसी अन्य वाहन से घायल को अस्पताल ले जाएं।
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