तवा नदी पर बना सतपुड़ा जलाशय लबालब हो गया है। 1433 फीट जल भरण क्षमता वाले जलाशय का लेबल मेंटेंन कर लिया गया है। अब जलाशय में पानी बढ़ते ही तत्काल गेट खोलकर तवा नदी में छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार शाम को 7 बजे 3 गेट एक-एक फीट की ऊंचाई पर खोले गए। 8 बजे जलाशय में बाढ़ का पानी तेजी से आने पर 5 गेट दो-दो फीट की ऊंचाई तक खोलने पड़े। इस दौरान तवा नदी में सतपुड़ा से प्रति सेकंड करीब 9 हजार 500 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा गया। इससे तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात बने रहे। रात 12 के बाद गेटों की संख्या सुबह तक घटाकर एक कर दी गई। जो अभी भी खुला है। पिछले 24 घंटे में 12 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। इसी के साथ बरसात का आंकड़ा 737 मिलीमीटर पर पहुंच गया है
शुक्रवार शाम से ही नदी में बाढ़ चल रही थी। छिन्दवाड़ा जिले और सतपुड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई जोरदार बारिश से राजडोह नदी में इतनी जबरदस्त बाढ़ थी कि ठेकेदार ने नाव चालन बंद कर दिया। इतना ही नहीं। नदी किनारे नाव बांध दी गई। देर रात तक बाढ़ नहीं उतरने पर ठेकेदार और ग्रामीणों ने नदी किनारे ही खिचड़ी बनाकर भोजन कर रात गुजारी। अलसुबह बाढ़ उतरने पर ग्रामीण अपने-अपने गांव पहुंचे। गौरतलब है कि लोनिया पंचायत अंतर्गत आधा दर्जन गांव आते हैं। जिनके आवागमन का मौजूदा हाल में एक ही सहारा नाव है।
कैचमेंट एरिया 219 स्क्योर माइल है।
क्षेत्रफल 2975 एकड़।
क्षमता 1433 फीट।
अब तक 739 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है।
सीजन में सामान्य वर्षा 1500 मिलीमीटर
शुक्रवार देर रात तक सतपुड़ा से 9500 क्यूबिक फीट पानी तवा नदी में छोड़ा गया। शनिवार दिन भर भी डेम का एक गेट खुला रहा।