– मिट्टी के इको फ्रेंडली : मिट्टी के गणपति बनाने के लिए जागरुक करने।
– अनाज से श्रृंगार : ताकि जलीय जंतु का आहार बन सकें।
– औषधी बीज से श्रृंगार : इसबगोल, चंद्रसूर, गोंगची, अपामार्ग, सफेद शिरिष, चक्रमर्ग, अपराजिता, अश्वगंधा, अलसी, रीठा, खड़ी का उपयोग किया ताकि पर्यावरण को बढ़ावा मिला, नदी के कटाव को रोकने में फायदेमंद और पानी भी रोगियों को फायदेमंद बनें।
– हर्बल गणपति : हल्दी, कुमकुम, गेरू, रोली, रामरस, लालमिट्टी का उपयोग किया ताकि जल प्रदूषित न हो।
– बीज गणेश : कद्दू, सीताफल, अमरूद, करेला, नीबू, कंजी, बहेड़ा, पीली, सौंफ के उपयोग से गणपति बनाए।
– गमला गणेश: प्रतिमाओं में विभिन्न बीज का उपयोग किया गया, जिन्हें गमले में विसर्जित करने पर वे पौधे का रूप धारण कर सकें।
– आर टू, आर थ्री गणेश : लच्छेदार पौधे का उपयोग ताकि नर्मदा का कटाव रोक सकें।
– टू आर गणपति : सभी पिछली नौ थीमों का उपयोग कर तैयार की गणेश प्रतिमाएं। जिनसे बेटी बचाओ, पर्यावरण संरक्षण आदि का संदेश दिया।