हर्बल पार्क को 2005-06 में वनविभाग ने विकसित किया था। 2010 में इको टूरिज्म की तरफ से सर्वसुविधायुक्त रेस्ट हाउस 20 लाख से बनाया था, लेकिन पूर्व दो मंत्रियों की खींचतान में काम बंद होकर खंडहर में तब्दील हो गए और पार्क तभी से बंद चल रहा है। पार्क से हिरण व मौर भी गायब हो चुके हैं। पार्क सुरक्षा के लिए चौकीदार तैनात है। डीएफओ के वाहन का चालक भी यहां रहता है
इस हर्बल पार्क के लगातार दुरुपयोग के कारण वर्तमान में बंद किया गया है। पार्क को फिर से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कराने इको टूरिज्म को प्रस्ताव भेजा है। जैसे ही यह फिर से संवर जाएगा, इसे पुन: शुरू करा दिया जाएगा।
लालजी मिश्रा, डीएफओ, होशंगाबाद