आई डिपार्टमेंट के प्रभारी डॉक्टर मंत्री का नहीं बता सके नाम जिला अस्पताल में जैसे ही वो आई ओपीडी में पहुंचे, उन्होंने ओपीडी में होने वाली जांचों के संबंध में डॉ.एडी मौर्य से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पूछा कि वो उन्हें जानते हैं, इस पर बिना कोई प्रतिक्रिया दिए मुस्कुरा दिए। उन्होंने कहा कि वो यह जानते हैं कि निरीक्षण के लिए मंत्री पहुंचें हैं।
जिला अस्पताल में खुली नाली को देख भड़के
जिला अस्पताल में पहुंचते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट सीएस कार्यालय के सामने खुली नाली देख भड़क गए। उन्होने खुली पड़ी नाली और चैंबरों को अगले दो दिनों में बंद कराकर साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। जिसकी फोटो को उनके साथ शेयर करने को कहा है।
रसोई में पहुंचकर किया भोजन मंत्री ने जिला अस्पताल की रसोई पहुंचकर मरीजों को मिलने वाले भोजन को चखा और कहा दाल में मिर्ची ठीक है। लेकिन रोटी मोटी हो गई है। रोटी को पतला करने के लिए काम किया जाना चाहिए। हालांकि रसोई में प्रवेश के समय सभी कीचन के प्रोटोकॉल भूल गए। सिर को कबर नहीं किया गया, वहीं परोस भी बिना हेंड ग्लब के किया गया।
कलेक्टर को सौंपी अस्पताल की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी
जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए जिम्मेदारी कलेक्टर धनंजयसिंह को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि नपा से अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्थाएं बनाने के लिए काम कराएं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का अधूरा निर्माण कार्य या खुली नाली कैंपस में नहीं होना चाहिए। वहीं सीएमएचओ डॉ.दिनेश कौशल को जिले में निरीक्षण कर प्रतिदिन रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अस्पताल के पीछे कुंए का प्रस्ताव बनाकर उसे पुरवाने को कहा गया है।
मंत्री की अगुवाई गिनती के कांग्रेसियों ने की स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान कांग्रेस में दो फाड़ साफ तौर पर दिखाई दिए। दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के साथ राजेंद्र ठाकुर, उपाध्यक्ष राजेश तिवारी, लोकेश गोगले की टीम मौजूद थी। लेकिन दौरे से प्रभारी निवर्तमान जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार व अन्य कांग्रेसियों ने दूरी बना ली। दौरे के बाद वो सीधे राजेंद्र ठाकुर के निवास पहुंचे। निरीक्षण के दौरान भी मंत्री कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर झल्ला गए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि कलेक्टर, एसडीएम, डिप्टीकलेक्टर किसी को तो फोन लगाएं।
बॉक्स
१० माह में इतना मिला एचआर एएनएम – ४६
स्टॉफ नर्स – १६ सीएचओ – २०
मेडिकल ऑफिसर – २३ अगली २० मार्च को शुरू कराएंगे एचडीयू और पीकू
जिला अस्पताल में एनसीडी मंे एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट )और पीकू(बाल चिकित्सा गहन देखभाल ईकाई) कई सालों से स्वीकृत कर उपकरणों की खरीदी की जा चुकी है। इसके बाद भी दोनों यूनिटों को अस्पताल प्रबंधन शुरू नहीं करना चाह रहा है।
एचडीयू की स्थिति : स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार १० सालों से एचडीयू यूनिट बनकर तैयार है। २० लाख की लागत से उपकरण खरीदे जा चुके हैं। विभाग की मानें तो एचडीयू के लिए 20 लाख रुपए से खरीदे गए वेंटीलेंटर उपयोग में आए बिना ही कबाड़ हो रहे हैं। इसके अलावा पांच कार्डियक मॉनिटर, सक्शन मशीन आदि भी उपयोग में नहीं लिए जाने से खराब हो रही हैं। ट्रेडल मशीन को चादरों से छुपा कर रखा गया है। एचडीयू में मरीजों को भर्ती करने के अलग से यूनिट हैं।
दो साल से तैयार है पीकू : प्रीपीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट को स्वीकृति मिले करीब २ साल हो गया है। इसके लिए वार्ड को भी एनएनसीयू के ऊपर तैयार किया जा चुका है। करीब २५ लाख की लागत से विभिन्न उपकरण वार्ड के लिए खरीदे गए। लेकिन दो सालों में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पीकू को शुरू नहीं करा सका है। अब इसे शुरू कराने के लिए भोपाल से रोज मॉनिटरिंग के लिए टीम आ रही है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल में सीएस को सिर्फ ऑपरेशन पर ध्यान देने को कहा गया है, लगातार स्टॉफ को बढ़ाया जा रहा है। प्रदेशभर में व्यवस्थाएं बेहतर की जाएंगी। तारीख लिख लें, होशंगाबाद में २० मार्च को पीकू और एचडीयू दोनों की सेवाएं मरीजों को मिलना शुरू हो जाएंगी। मैने कलेक्टर, सीएमएचओ और सीएस को कहा है कि जो भी कमी हो उसकी जानकारी दें, जो चाहिए उसका प्रस्ताव दें। अस्पताल को अपडेट करने के लिए हर संभव संयुक्त प्रयास होंगे।- तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री मप्र शासन