भोपाल मंडल में रेलवे ट्रेक मेंटनेंस का काम करने के लिए करीब 2900 रेलकर्मी लगे हुए हैं। जबलपुर जोन के दोनों मंडल कोटा और जबलपुर को भी जोड़ लें तो करीब 10000 ट्रैकमैन कार्यरत हैं। यह कर्मचारी शिफ्टों में ड्यूटी करते हैं। रेलवे ट्रैक पर काम करते हुए इन कर्मचारियों की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता है कि कब उन्हें मौत अपने आगोश में ले ले बावजूद उसके कर्मचारी अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हुए नौकरी करते हैं। इन कर्मचारियों के लिए जीडब्ल्यूएस तो बहुत दूर की बात है जो जरुरी उपकरण हैं वहीं प्रदान नहीं किए जाते हैं।
नहीं मिले उपकरण
&चार साल पहले कर्मचारियों को वह उपकरण देने की मांग एनएफआई द्वारा की गई थी मगर अब तक उस पर कुछ नहीं हुआ है। उपकरण मिलने से रेलवे ट्रेक पर होने वाले हादसे रुकेंगे। इसके लिए संगठन लेवल पर पूरी लड़ाई लड़ी जा रही है।
आरके यादव, मंडल सचिव, डब्ल्यूसीआरएमएस
&यह हमारे स्तर का मामला नहीं है। इस बारे में निर्णय वरिष्ठ अधिकारिक स्तर पर होता है। वरिष्ठ कार्यालय से जो निर्देश मिलते हैं उनका पालन किया जाता है।
ओपी सराठे, एसएसई पाथवे