आखिर क्यों जिले की यह दो नगरपालिकाएं लोगों को कर रही हैं परेशान…
होशंगाबाद में जमीन ही नहीं ढूंढी, इटारसी में चिन्हित जमीन का नहीं हो सका अधिग्रहण….
Bike driver dies due to collision of truck
होशंगाबाद। होशंगाबाद जिले की दो बड़े नगरीय निकाय होशंगाबाद और इटारसी हैं। होशंगाबाद में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए गंभीरता से जमीन की तलाश नहीं हुई तो इटारसी में जो जमीन देखी थी उसका अधिग्रहण नहीं हो पाया। कुल मिलाकर दोनों निकायों में ट्रांसपोर्ट नगर की प्लानिंग ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। इसी का नतीजा है कि इन दोनों निकायों की सड़कों पर भारी वाहनों के साथ लोडिंग वाहन आम जनता के लिए तकलीफ बने हुए हैं।
दो बार से कर रहे प्लानिंग
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने वर्ष 1991 में 20 साल के लिए होशंगाबाद और इटारसी नगर के लिए मास्टर प्लान तैयार किया था। अक्टूबर २०१६ में वर्ष २०३१ तक के लिए फिर से तैयार किए गए इस मास्टर प्लान में दूसरी बार भी ट्रांसपोर्ट नगर का विषय शामिल किया गया है।
यह है हकीकत
होशंगाबाद नपा के जिम्मेदारों के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर के लिए आज तक कहीं जमीन ही नहीं देखी गई। जमीन नहीं होने से इस विषय पर काम नहीं हो पा रहा है। भारी वाहनों को शहर में ही खड़ा रखा जाता है जिससे आवागमन बाधित होता है। इटारसी नपा वर्ष २००८ में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का प्रस्ताव पहले ही पारित कर चुकी है। इटारसी में पीपल मोहल्ला इलाके में जमीन चिन्हित की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने उसका निरीक्षण भी किया था मगर उसका मामला कोर्ट में चला गया जिससे योजना की हवा निकल गई।
भारी वाहनों की संख्या
होशंगाबाद में लोडिंग वाहनों की संख्या-करीब ७००
इटारसी में लोडिंग वाहनों की संख्या-करीब १२००
किसने क्या कहा
मास्टर प्लान में ट्रांसपोर्ट नगर का प्रावधान तो है उसके लिए आज तक जमीन की तलाश नहीं हुई है। शहरी क्षेत्र में उतनी बड़ी जमीन मिल पाना बड़ा मुश्किल है इसी वजह से यह प्रोजेक्ट अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
आरसी वर्मा, सब इंजीनियर नपा होशंगाबाद
कई साल पहले एक बार शासन को पत्र भेजा था मगर उसका कुछ नहीं हुआ। तब से अब तक ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर कहीं कोई प्लानिंग नहीं हो पाई है। जमीन मिले तो ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की दिशा में काम हो सके।
अखिेलश खंडेलवाल, नपाध्यक्ष होशंगाबाद।
ट्रांसपोर्ट नगर के लिए नए सिरे से जमीन लेकर विकसित करने की जरूरत है। नपा परिषद चाहे तो इस पर फिर से विचार किया जा सकता है। अभी तक इस पर कुछ भी काम नहीं हुआ है।
हरिओम वर्मा, सीएमओ इटारसी
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