शादी का वादा करने के बाद युवती ने जब अजय से उसकी मां-पिता, बहन, भाभी से बात कराने का दबाव बनाया तो उसने वाइस चेंजिंग एप का सहारा लिया। वह एप के माध्यम से युवती से स्वयं अपनी मां-बहन, भाभी एवं पिता की आवाज में बात कर लेता था। युवती को यह भरोसा दिलाने में कामयाब हो गया कि उसके परिवारजन भी उसे पसंद कर रहे ह
एएसपी निश्चल एन झारिया ने बताया कि दिल्ली की 25 वर्षीय युवती मशहूर आर्टिस्ट है। वह लॉ की पढ़ाई कर रही है। उसके पिता की दिल्ली में फैक्ट्रियां हैं। जून 2012 में चांदौन, इटारसी के 25 वर्षीय अजय पिता सुबोध गालर ने खुद को एम्स का डॉक्टर बताते हुए अपने रिश्तेदार सौरभ मेहतो के नाम की फेसबुक आईडी बना युवती को फे्रन्ड रिक्वेस्ट भेजी। युवती ने एक्सेप्ट कर लिया। धीरे-धीरे दोनों के बीच फेसबुक पर चेटिंग होने लगी। दोनों ने खुद को अविवाहित बताया। इसी बीच आरोपी युवती से मोबाइल नंबर लेकर बात करने लगा। दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। अजय ने उसे शादी का वादा किया। इसी बीच फरवरी 2017 में अजय ने बताया कि उसके पापा का स्वास्थ्य खराब हो गया है। उन्हें लंदन में भर्ती कराया है। आरोपी ने छात्रा से लाखों रुपए अपने बैंक खाते में आनलाइन ट्रांसफर करा लिए।
अजय ने अपने रिश्तेदार सौरभ मेहतो के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी। दो महीने पहले मेहतो ने अपनी शादी के फेसबुक पर फोटो शेयर कर दिए। इन फोटो को देख युवती विचलित हो गई। युवती को आशंका बढऩे पर वह अपने पिता के साथ इटारसी पहुंची। इटारसी में सौरभ को फोन लगाया। तब अजय पहुंचा। अजय ने युवती के सामने पूरी सच्चाई बताई। उसने बताया कि वह सौरभ नहीं है। उसने फर्जी तरीके से फेसबुक आईडी बनाकर ठगी की है।
एएसपी झारिया ने बताया कि रकम ठगने के बाद आरोपी ने उससे बातचीत बंद कर दी। इससे युवती डिप्रेशन में आ गई। परिजनों ने उसका इलाज कराया। तब कहीं जाकर वह डिप्रेशन से उबर सकी। इसके बाद युवती के परिजन उसे लेकर आरोपी के घर पहुंचे। एएसपी झारिया ने बताया कि युवती की काउंसलिंग की गई है। वह थाने में भी फूट-फूटकर रोती रही।
अजय ने इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन से बीई किया हुआ है। उसके पिता की इटारसी में आठ एकड़ जमीन भी है। अजय ने पूछताछ में बताया कि इतनी पढ़ाई करने के बाद उसे नौकरी नहीं मिली। वह गांव जाकर खेती में पिता का सहयोग करने लगा। इसके साथ वह महिला कल्याण से जुड़ी श्री हरि वेलफेयर सोसायटी नाम से एनजीओ संचालित करता है।
छात्रा ने बताया कि मैने अपने उद्योगपति पिता औश्र सर संजय कुमार को अजय के घरभेजा। उसके पिता से दोनो पहचान छिपाकर मिले। पता चला की अजय आरकेडीएफ कॉलेज के पास हुआ इंजीनियर है। वह कच्चे घर में रहता है। अभी अजय श्रीहरि बेलफेयर सोसायटी में काम करता है। उसने मुझसे अपने पिता के इलाज के लिए पैसे मांगे थे। मैंने उसे डीबी सीटी मॉल में बुलाया। और उसके पहले क्राइम ब्रांच की मदद ली। वह जैसे ही मॉल में पहुंचा क्राइम ब्रांच ने उसे धरदबोचा।