इनकी हो सकेगी निगरानी : रेल नेत्र सिस्टम के भोपाल मंडल में चालू होने से रूट मैपिंग और हिस्ट्री टे्रकिंग करने के साथ ही दुर्घटना राहत स्थितियों के परिचालन, वास्तविक चलन, मॉक ड्रिल, पिट परीक्षण, यार्ड और रूट के विलंबन की निगरानी करना आसान रहेगा। कंट्रोल रूम में बैठकर रेलवे के आला अधिकारी राहत प्रबंधन के कामों को प्राथमिकता से करा सकेंगे। यह सभी गतिविधियां रूट मैपर और हिस्ट्री ट्रेकिंग के माध्यम से सत्यापित की जा सकेंगी। इस सिस्टम से सभी तरह की शंटिंगांे का रिकार्ड भी मेंटेन किया जा सकेगा।
वास्तविक समय पर की जा सकेगी ट्रेकिंग
रेल नेत्र सिस्टम एक जीपीएस और इंटरनेट की सुविधा वाला एक एेसा माध्यम है जिसकी मदद से कंट्रोल रूम में बैठकर ही दुर्घटना राहत प्रबंधन के लिए काम आने वाले संसाधनों की निगरानी और उनके सामने आ रही अड़चनों की मॉनीटरिंग हो सकेगी। इस सिस्टम में इंटरनेट, वेब आधारित प्लेटफॉर्म, मोबाइल एप्लीकेशन आदि के माध्यम से निगरानी की सुविधा रहेगी। यह सिस्टम भोपाल मंडल में तैयार किया गया है जिसका लाभ भोपाल मंडल में दुर्घटना के मामलों में किया जा सकेगा और दुर्घटना राहत परिस्थितियों की वास्तविक समय पर ट्रेकिंग की जा सकेगी।
1. जबलपुर जोन के भोपाल मंडल में रेल नेत्र सिस्टम तैयार किया गया है। इस सिस्टम से दुर्घटना राहत प्रबंधन के लिए काम आने वाले संसाधनों की कंट्रोल रूम से ही निगरानी हो सकेगी। इस सिस्टम से समय और ऊर्जा दोनों ही बचत होगी।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ जबलपुर