150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का विरोध
– वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन ने किया केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का विरोध
हरदा. केंद्र सरकार द्वारा ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों का निजीकरण किए जाने पर बुधवार को वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा विरोध जताते हुए रेलवे स्टेशन परिसर में प्रदर्शन किया गया। यूनियन के सचिव केके महाजन ने बताया कि सरकार द्वारा देश की 150 ट्रेनों और 50 स्टेशनों का संचालन प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपा जा रहा है, जो गलत कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार उठाए जा रहे इस कदम से रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट खड़ा हो रहा है। महाजन ने बताया कि यदि रेलवे का निजीकरण होगा तो रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ आमजनता को काफी परेशानियां होंगी। इसके साथ ही सरकार ने रेलवे बोर्ड के आठ चेयरमैनों की जगह पर पांच कर दिए गए हैं। सरकार का मनमाना रवैया देशहित में नहीं है। यूनियन के मनीष पांडे, मो. वसीमुद्दीन, नबी खान, हरिकिशन, मनोज राय आदि कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे के निजीकरण किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया।
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