खेत में 9 ब्लॉक
खेत को अलग-अलग 9 ब्लॉक में विभाजित किया गया है, जिससे अलग-अलग ब्लॉकों में विविध प्रकार की सब्जी और फल लगाए जा सकें। फल और सब्जी के मुताबिक ही ब्लॉक वाइज जैविक ट्रीटमेंट होता है।
दो एकड़ में 14 प्रकार के फल व सब्जी
जैविक पद्धति से खेत में ककड़ी, गिलकी, लौकी, टिंडा, करेला, कद्दू, पालक, भिंडी, मिर्ची, चुकंदर, भटे, टमाटर, तरबूज, खरबूज की एक साथ खेती हो रही है।
खुद बनाते हैं जैविक खाद
जीव अमृत : तीन किग्रा बेसन, दो किग्रा गुड़, गौमूत्र, गोबर से द्रव्य बनाकर इसे २०० लीटर पानी में मिलाकर खेत में फसल पर डाला जाता है। इससे पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं।
डीबेस्ड कंपोजर : यह जैविक द्रव्य २० रुपए में मिलता है, जिसे २५ से ३० बार उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग पौधों की जड़ों को मजबूती देने के लिए किया जाता है।
कीटनाशक : मित्र कीटों को बचाते हुए पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खत्म करने के लिए नीम, सीताफल के पत्ते, लहसुन, मिर्ची से कीटनाशक बनाया जाता है।
खेत को अलग-अलग 9 ब्लॉक में विभाजित किया गया है, जिससे अलग-अलग ब्लॉकों में विविध प्रकार की सब्जी और फल लगाए जा सकें। फल और सब्जी के मुताबिक ही ब्लॉक वाइज जैविक ट्रीटमेंट होता है।
दो एकड़ में 14 प्रकार के फल व सब्जी
जैविक पद्धति से खेत में ककड़ी, गिलकी, लौकी, टिंडा, करेला, कद्दू, पालक, भिंडी, मिर्ची, चुकंदर, भटे, टमाटर, तरबूज, खरबूज की एक साथ खेती हो रही है।
खुद बनाते हैं जैविक खाद
जीव अमृत : तीन किग्रा बेसन, दो किग्रा गुड़, गौमूत्र, गोबर से द्रव्य बनाकर इसे २०० लीटर पानी में मिलाकर खेत में फसल पर डाला जाता है। इससे पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं।
डीबेस्ड कंपोजर : यह जैविक द्रव्य २० रुपए में मिलता है, जिसे २५ से ३० बार उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग पौधों की जड़ों को मजबूती देने के लिए किया जाता है।
कीटनाशक : मित्र कीटों को बचाते हुए पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खत्म करने के लिए नीम, सीताफल के पत्ते, लहसुन, मिर्ची से कीटनाशक बनाया जाता है।