किराए की टैक्सी से आए थे पचमढ़ी
एसपी एमएल छारी ने बताया कि दोनों बदमाश शुक्रवार रात साढ़े 12 बजे पिपरिया से किराए की टैक्सी लेकर पचमढ़ी गए थे। वहां तड़के चार बजे सेना की शिक्षा कोर करिअप्पा कंपनी के गेट नंबर दो पर पहुंचे। ड्यूटी पर तैनात संतरी को अपना परिचय आर्मी अफसर के रूप में देकर अंदर प्रवेश किया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों उसी टैक्सी से पिपरिया वापस लौटे।
एसपी एमएल छारी ने बताया कि दोनों बदमाश शुक्रवार रात साढ़े 12 बजे पिपरिया से किराए की टैक्सी लेकर पचमढ़ी गए थे। वहां तड़के चार बजे सेना की शिक्षा कोर करिअप्पा कंपनी के गेट नंबर दो पर पहुंचे। ड्यूटी पर तैनात संतरी को अपना परिचय आर्मी अफसर के रूप में देकर अंदर प्रवेश किया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों उसी टैक्सी से पिपरिया वापस लौटे।
गेट के पास रखवा ली थी राइफल
गेट पर तैनात सिपाहियों से कड़क अफसरी अंदाज में कहा जाओ अपने ड्यूटी जेसीओ को बुलाकर लाओ। सिपाही रायफल सहित जाने लगा तो उसे डांटकर राइफल गेट के पास रखवा ली। कुछ देर बाद आरोपियों ने दूसरे गार्ड को डांटते हुए कहा जाओ उसे जल्दी बुलाकर लाओ और उसकी रायफल भी गेट पर रखवा ली। जैसे ही दोनों गार्ड गए आरोपी रायफल लेकर गायब हो गए।
गेट पर तैनात सिपाहियों से कड़क अफसरी अंदाज में कहा जाओ अपने ड्यूटी जेसीओ को बुलाकर लाओ। सिपाही रायफल सहित जाने लगा तो उसे डांटकर राइफल गेट के पास रखवा ली। कुछ देर बाद आरोपियों ने दूसरे गार्ड को डांटते हुए कहा जाओ उसे जल्दी बुलाकर लाओ और उसकी रायफल भी गेट पर रखवा ली। जैसे ही दोनों गार्ड गए आरोपी रायफल लेकर गायब हो गए।
क्रिकेट किट के बैग में हथियार
पुलिस ने उस टैक्सी ड्राइवर को ढूंढ निकाला जो बदमाशों को पचमढ़ी लेकर गया था। उसने बताया कि दोनों पंजाबी में बात कर रहे थे। जब यहां से गए थे तब उनके पास जाते समय बंदूक जैसा कुछ नहीं था, लेकिन लौटते समय कंधे पर क्रिकेट बैट रखने वाला बैग जरूर टांगे हुए थे। उन्हें रेलवे स्टेशन के पास छोड़ा था, उस समय श्रीधाम एक्सपे्रस का आने का समय था। इस कारण माना जा रहा है कि दोनों श्रीधाम एक्सप्रेस से जबलपुर भागे होंगे।
पुलिस ने उस टैक्सी ड्राइवर को ढूंढ निकाला जो बदमाशों को पचमढ़ी लेकर गया था। उसने बताया कि दोनों पंजाबी में बात कर रहे थे। जब यहां से गए थे तब उनके पास जाते समय बंदूक जैसा कुछ नहीं था, लेकिन लौटते समय कंधे पर क्रिकेट बैट रखने वाला बैग जरूर टांगे हुए थे। उन्हें रेलवे स्टेशन के पास छोड़ा था, उस समय श्रीधाम एक्सपे्रस का आने का समय था। इस कारण माना जा रहा है कि दोनों श्रीधाम एक्सप्रेस से जबलपुर भागे होंगे।