महाराणा सेना जिलाध्यक्ष सुनीलसिंह राजपूत ने बताया कि सेना और राजपूत करणी सेना की महिलाओं ने इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्गपर स्थित साईं मंदिर के सामने दोपहर 3.१५ पर चक्काजाम शुरू किया। युवाओं के साथ महिलाओं ने भी सड़क पर बैठकर पद्मावत फिल्म नहीं चलेगी-नहीं चलेगी के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली ने उनकी मां पद्मावती के जीवन को अशोभनीय ढंग से दिखाया है।जबकि वास्तविकता में उनके सहित १६ हजार महिलाओं ने सम्मान के लिए जौहर किया था। लेकिन भंसाली द्वारा फिल्म के जरिए वाहवाही लूटने के लिए इतिहास से किया खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। करीब ४५ मिनट तक युवाओं और महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया।
प्रतिबंध नहीं लगा तो सरकार जिम्मेदार रहेगी
महाराणा सेना जिलाध्यक्ष राजपूत ने कहा कि यदि भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही पद्मावत फिल्म पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है तो उक्त सांकेतिक प्रदर्शन उग्र रूप धारण कर लेगा और जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की रहेगी, क्योकि इतिहास का गलत रुपांतरण राजपूत समाज किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
भंसाली का पुतला जलाया और हाईवे रोका
टिमरनी. नगर के बस स्टैंड चौराहे पर राजपूत महाराणा सेना , राजपूत करणी सेना सहित राजपूत समाज के लोगों ने पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन को पूर्णत: प्रतिबंधित करने के लिए प्रदर्शन किया। समाज के सदस्यों ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली का पुतला दहन कर नारेबाजी की। करीब ३० मिनट तक हाईवे पर प्रदर्शन करने से वाहनों का जाम लगा रहा। इस दौरान महाराणा सेना के हुकुमसिंह राजपूत, अवधसिंह राजपूत, सुहागसिंह राजपूत, रविशंकर तोमर, जीवनसिंह राजपूत, शिवदाससिंह राजपूत सहित अन्य राजपूत समाज के लोग मौजूद थे। वहीं कानून व्यवस्था के लिए थाना प्रभारी मनोजसिंह सहित पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा था।
बंद के लिए थाना प्रभारी को दिया ज्ञापन
सिराली. करणी सेना के द्वारा फिल्म पद्मावत के विरोध २५ जनवरी को भारत बंद के दौरान नगर बंद के लिए मंगलवार को थाना प्रभारी राकेश गौर को ज्ञापन सौंपा। करणी सेना की सदस्यों ने कहा कि पद्मावत फिल्म को पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा ऐसा नहीं करने से राजपूत समाज का आक्रोश बढ़ता रहेगा।