घटते व्यापार और बंद होते उद्योग को लेकर व्यापारियों ने किया विरोध, प्रदर्शन
नगर के बाजार बंद रखकर जताई नाराजगी
बंद होते उद्योग को लेकर व्यापारियों ने किया विरोध, प्रदर्शन
सारनी. संयुक्त व्यापारी संघों द्वारा उजड़ते शहर, घटते व्यापार और बंद होते उद्योग को लेकर शुक्रवार को बाजार बंद रखकर विरोध, प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। प्रदर्शन में सतपुड़ा व्यापारी संघ सारनी, पाथाखेड़ा व्यापारी संघ, कालीमाई व्यापारी संघ शोभापुर और बगडोना व्यापारी संघ के पदाधिकारियों के अलावा लोग मौजूद थे। सभी की मांग है कि डेढ़ दशक में कोयला खदानें और बिजली इकाइयां बंद होने के अलावा मूलभूत सुविधाओं के अभाव में 35 प्रतिशत से अधिक आबादी ने पलायन कर लिया है। रोजगार के अभव में मौजूदा हाल में भी पलायन हो रहा है। जबकि औद्योगिक नगरी सारनी में 660 मेगावाट की विद्युत इकाई प्रस्तावित है। वहीं कोल नगरी सारनी में गांधीग्राम, शक्तिगढ़ और तवा-थ्री खदान खोलना प्रस्तावित है। बावजूद शासन स्तर पर रुचि नहीं ली जा रही। जिससे शहर उजाड़ की ओर अग्रसर है और व्यापार ठप हो गया है। सरकार तक व्यापारियों की समस्या पहुंच सके और जल्द ही उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो। इसी को लेकर चारों व्यापारी संघों ने सामूहिक रूप से प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम कुमार शानू और विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे को सौंपा।
विधायक ने कहा – बेहतरी की जवादेही मेरी है : व्यापारी संघों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन स्थल पर क्षेत्रीय विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे पहुंचे। सभी व्यापारियों से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने कहा मुझे जनता ने चुना है। जनता की बेहतरी की जवाबदेही मेरी है। विधायक ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि मैं हर परिस्थितियों में साथ हूं। केंद्रीय कोयला मंत्री से कोयला खदानें खोलने को लेकर मुलाकात की है। गांधीग्राम खदान जल्द ही प्रारंभ होगी। जमीन अधिग्रहण का मामला लंबित है। पूरा होते ही खदान प्रारंभ होगी। जल्द ही डब्ल्यूसीएल, एमपीपीजीसीएल व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक कर निर्णय लेंगे।
राजनीति से प्रेरित है व्यापारियों का बाजार बंद : ब्लाक कांग्रेस कमेटी ने व्यापारियों के बंद के आह्वान को राजनीति से प्रेरित बताया। ब्लाक अध्यक्ष भगवान जावरे ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि जब नगर बचाओं, उद्योग बचाओं संघर्ष समिति ने उजड़ते शहर, बंद होते उद्योग व पलायन करते लोगों को देखते हुए बंद किया था तब कई व्यापारियों ने दुकानें बंद रखने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा मप्र के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पाथाखेड़ा आकर सतपुड़ा-टू खदान से कोयला सत्याग्रह की शुरूआत की थी। तब से लेकर अब तक कई बार बैतूल सांसद को कोयला खदानें प्रारंभ करने ज्ञापन सौंपा, लेकिन नई खदानें नहीं खुली। ब्लाक अध्यक्ष ने कहा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के पास पर्याप्त जमीन, पानी व कोयला के साधन है। बावजूद इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने सारनी में प्लांट स्थापित करने के बजाय खंडवा में विद्युत इकाई स्थापित की। जहां पानी से लेकर कोयला और जमीन तक कंपनी को खरीदनी पड़ी। पिछली सरकार की गलत नीतियों के चलते आज शहर उजड़ गया। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार को बने 9 माह भी पूरे नहीं हुए और शहर बर्बाद होने को लेकर आंदोलन किए जा रहे हैं।
नगर के प्रतिष्ठान बंद रहे
संयुक्त व्यापारी संघ के आह्वान पर शुक्रवार को सारनी, पाथाखेड़ा, शोभापुर और बगडोना क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठान लगभग बंद रहे। बाजार बंद का सर्वाधिक असर बगडोना में देखा गया। वहीं पाथाखेड़ा और शोभापुर क्षेत्र की कुछ दुकानें खुली रही। बाजार बंद सफल रहा। दोपहर बाद दुकानें खुलना शुरू हो गया। हालांकि बगडोना की दुकानें लगभग बंद ही रही।
इनका कहना है
पहले भी प्रदर्शन कर ज्ञापन की कार्रवाई की गई है। विधायक, सांसद, मंत्री से लेकर जिला प्रशासन सभी को उजड़ते शहर की स्थिति और ठप होते व्यापार से अवगत कराया गया है। उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह आंदोलन व्यापारियों का है।
– रमेश हारोड़े, अध्यक्ष, कालीमाई व्यापारी संघ
मूलभूत सुविधा की लड़ाई है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी आश्वासन दिया पर पूरा नहीं किया। मौजूदा सरकार भी आश्वासन दे रही है। व्यापार ठप हो रहा है। लोग पलायन कर रहे हैं। आज व्यापारियों ने स्वेच्छा से दुकानें बंद रखकर नाराजगी जाहिर की।
– राजेश कुट्टी, व्यापारी, बगडोना
सभी व्यापारी विकास की मानसिकता से एकत्रित हुए हैं। यह कोई राजनीति संगठन नहीं है। शहर का विकास नहीं हुआ तो राजनीति दलों का भी विरोध करेंगे। हमेशा की तरह एक बार फिर आश्वासन मिला है। 20 अक्टूबर को पुन: व्यापारियों से मिलकर सकारात्मक चर्चा का आश्वासन विधायक द्वारा दिया है।
विनय मालवीय, अध्यक्ष, सतपुड़ा व्यापारी संघ
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