इटारसी। इस देश की सबसे बड़ी विशेषता उसकी विविधता और सामाजिक समरसता है। आरएसएस का केवल एक ही एजेंडा है और वह देश में लोगों को आपस में बांटों और रोटियां सेंको। आरएसएस का एजेंडा केवल झगड़े कराना और दंगे भड़काना है। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों ने चर्चा में कही। वे इटारसी स्थित आयुध निर्माणी में आयुध निर्माणी इंटक यूनियन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा कर्मचारी महासंघ की बैठक में शामिल होने आए थे। महासंघ की बैठक में भी उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नेता 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात करते हैं जबकि कड़वी हकीकत यह है कि अर्थव्यवस्था बुरी तरह गिर रही है। रोजगार छिन रहे हैं और मंहगाई बढ़ती जा रही है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हमारी केंद्रीय हुकूमत समाज में टकराव लाने की योजना पर काम कर रही है। एनआरसी, एनपीआर की जरुरत क्या है क्योंकि इससे पहले ही लोगों से उनके प्रमाण लिए जा चुके हैं। अगर रजिस्टर बनाना ही है तो शिक्षित बेरोजगारों का रजिस्टर बनाएं। उन्होंने कहा कि देश में एनआरसी और एनपीआर की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रपति कहते हैं कि एनआरसी लाया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि पहले सीएबी आएगा फिर एनपीआर और फिर एनसीआर लाएंगे वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि एनआरसी पर चर्चा ही नहीं हुई है। अब या तो राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं या देश के गृहमंत्री या फिर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इतना झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री हमने नहीं देखा है। यह कैसी सरकार है, किस पर हम विश्वास करेंं। सिंह ने कहा कि अगर कोई रजिस्टर बनाना ही है तो शिक्षित बेरोजगारों का रजिस्टर बनाया जाए।
——————– अब या तो राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं या देश के गृहमंत्री या फिर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इतना झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री हमने नहीं देखा है। यह कैसी सरकार है, किस पर हम विश्वास करेंं। सिंह ने कहा कि अगर कोई रजिस्टर बनाना ही है तो शिक्षित बेरोजगारों का रजिस्टर बनाया जाए।