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होशंगाबाद

एसइसीएल के कोयले से महंगा होगा उत्पादन

दस पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ेगी लागत

होशंगाबादNov 09, 2018 / 11:05 pm

pradeep sahu

Sarni Power Plant Electricity Plant hindi news

एसइसीएल के कोयले से महंगा होगा उत्पादन

सारनी. सतपुड़ा बिजली घर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। कभी कोयले की समस्या से प्लांट जूझ रहा है तो कभी गलत नीति के चलते प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है। अब एसईसीएल के कोयले ने मुश्किल में डाल दिया है। दरअसल सतपुड़ा पॉवर प्लांट को डब्ल्यूसीएल नागपुर की खदानों से आवंटित कोयला सीधे श्रीसिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट खंडवा को आपूर्ति हो रहा है। वहीं एसईसीएल से कोयले की रैक सतपुड़ा बिजली घर सारनी में पहुंच रही है। यहां कोयला परिवहन भाड़े के चलते डब्ल्यूसीएल से तीन गुना महंगा पड़ता है। अक्टूबर माह की एमओडी (मैरिड आर्डर डिस्पैच) सोमवार को पॉवर मैनेजमेंट कंपनी जारी करेगी। जिसमें सतपुड़ा की विद्युत उत्पादन लागत पर 7 से 10 पैसे प्रति यूनिट तक असर पड़ेगा। ऐसा होने से सतपुड़ा बिजली घर एमओडी में अन्य प्लांटों की अपेक्षा परफारमेंस में पिछड़ जाएगा। जिसका असर सालाना पीएलएफ पर भी पडऩे से इंकार नहीं किया जा सकता। दरअसल एमओडी में पिछडऩे का मतलब कम दर पर विद्युत उत्पादन करने वाली इकाइयों का संचालन होगा। अधिक दर पर उत्पादन करने वाली इकाइयां डिमांड कम होने पर बंद की जा सकेगी।
बराबर मिला कोयला- बिजली घर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह में सतपुड़ा को 78 रैक कोयला मिला है। इसमें डब्ल्यूसीएल और एसईसीएल की लगभग बराबर रैक सारनी पहुंची है। परिवहन भाड़ा व वास्ड कोल आपूर्ति होने से एसईसीएल का कोयला महंगा साबित हो रहा है। इससे पहले सतपुड़ा को एसईसीएल के बजाय डब्ल्यूसीएल से कोयले की रैक ज्यादा प्राप्त होती थी। बताया जा रहा है कि श्रीसिंगाजी प्लांट का संचालन करने डब्ल्यूसीएल का कोयला सस्ता पड़ता है। जबकि एसईसीएल का कोयला महंगा प्राप्त होता है। इस वजह से सिंगाजी प्लांट को डब्ल्यूसीएल का कोयला आपूर्ति किया जा रहा है।
इस तरह बढ़ेगी उत्पादन लागत – सितंबर माह की एमओडी में सतपुड़ा की 250-250 मेगावाट की 10-11 नंबर यूनिट की उत्पादन लागत 2.14 पैसे प्रति यूनिट थी जो नवंबर माह में जारी होने वाली अक्टूबर माह की एमओडी में बढ़कर 2.21 पैसे या इससे भी अधिक हो सकती है। इसी 200 व 210-210 मेगावाट की 6, 7, 8 और 9 नंबर यूनिट की उत्पादन लागत सितंबर माह की एमओडी में 2.58 पैसे थी जो बढ़कर 2.68 पैसे तक पहुंचने का पूरा अनुमान है।
12 हजार मेगावाट के पार पहुंची डिमांड- शुक्रवार को प्रदेश में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट से अधिक दर्ज की गई। सतपुड़ा बिजली घर से देर शाम तक 950 मेगावाट के आसपास उत्पादन हुआ। यहां की तीन छोटी इकाइयों को 150-150 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है। वहीं दो बड़ी इकाइयों को 250-250 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है। छोटी इकाइयों को कोयले की कमी के चलते टेक्निकल मिनिमम पर चलाया जा रहा है। वहीं 9 नंबर यूनिट कोयले की कमी के चलते बंद है।

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