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होशंगाबाद

वेंटीलेटर पर सारणी पावर प्लांट

रोज मिल रहा दो रैक कोयला, 20 हजार टन स्टॉक

होशंगाबादSep 10, 2017 / 11:32 pm

harinath dwivedi

coal crisis power plants may be shutdown

coal crisis power plants may be shutdown

सारनी। सतपुड़ा पॉवर प्लांट इन दिनों वेंटीलेटर पर चल रहा है। फिलहाल कोयले की कमी से जूझ रहे सतपुड़ा पॉवर प्लांट को मौजूदा खपत के अनुरूप कोयला मिलने से राहत मिली है। फिलहाल पॉवर हाउस सारनी को रेलवे से रोजाना दो रैक यानी की 7 हजार टन कोयला मिल रहा है। वहीं डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा की क्षेत्रीय खदानों लगभग 3500 टन कोयला आपूर्ति हो रहा है। इधर कोयला संकट के चलते टेक्निकल मिनिमम पर इकाइयां चलाने से खपत 10 हजार टन के अंदर है। इस वजह से स्टॉक बढऩे लगा है। बहरहाल जो स्टॉक शेष है। वह महज डेढ़ दिनों का है। गौरतलब है कि 200 मेगावाट की 6 नंबर इकाई उत्पादन के लिए तैयार है। लेकिन कोयले की कमी से उक्त इकाई को चालू नहीं किया जा रहा है। वहीं 210-210 मेगावाट की 7-8 नंबर इकाई को पूरी क्षमता पर चलाने के बजाय 140-140 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है। इसकी वजह कोयला संकट है। वहीं 10 नंबर यूनिट को पूरी क्षमता पर पूरे समय नहीं चलाकर टेक्निकल मिनिममन पर चलाया जा रहा है। इसलिए इन इकाइयों में कोयले की खपत कम हो रही है। सतपुड़ा पॉवर प्लांट से रविवार को 530 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन लिया गया। जबकि इस प्लांट की क्षमता 1330 मेगावाट है। तीन इकाइयां चल रही है। कोयले की कमी से क्षमता अनुरूप नहीं चल रही।
प्लांट के पास 20 हजार टन कोल स्टॉक है। खपत के अनुरूप कोयला मिलने से स्टॉक में सुधार आया है। रेलवे से रोजाना दो रैक और डब्ल्यूसीएल से 3500 टन कोयला आपूर्ति हो रहा है। 210-210 मेगावाट की 2 इकाइयों को टेक्निकल मिनिमम पर चलाया जा रहा है।
व्हीसी टेलर, पीआरओ, सतपुड़ा पॉवर हाउस, सारनी।
कोल प्रबंधन से नाराज है यूनियनें

राष्ट्रीय वेतन समझौता दस नहीं मिलने केंद्रीय श्रमिक संगठनें कोल प्रबंधन और सरकार से नाराज है। देश के करीब 3 लाख 27 हजार 750 कर्मियों को वर्ष 2016 जुलाई से दसवें वेतनमान का लाभ मिलना था। लेकिन सरकार और कोल प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते सितंबर 2017 में भी कोल कर्मियों को एनसीडब्ल्यू-10 का लाभ नहीं मिला। इस वजह से केंद्रीय श्रमिक संघों में कोल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी है। जो कभी भी आंदोलन के रूप में बदल सकती है। गौरतलब है कि पिछली बार संगठनों द्वारा तीन दिनी हड़ताल की चेतावनी तक दे डाली थी।

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