होशंगाबाद। आज स्कूल बस ड्राइवर दिवस है। स्कूल बस ड्राइवर जो सुबह होते ही बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर तक सुरक्षित छोडऩे का काम करते हैं। शहर में ऐसे ही 139 से अधिक स्कूल बसे संचालित हो रहीं है, जिनसे हर रोज हजारों की संख्या में बच्चें सफर करते हैं। आरटीओ अधिकारी का कहना है कि शहर में 1275 ड्राइवर है जिसमें 139 से अधिक स्कूल ड्राइवर और १३९ से अधिक स्कूल बस हैं।
जब जान देकर बचाई 15 मासूमों की जान
कैंपियन स्कूल के बस ड्राइवर अनिल चौरे ने जिदंगी और मौत से लड़ते हुए १५ मासूम बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाली और खुद मौत की नींद सो गए। घटना कुछ साल पुरानी है। अनिल स्कूल बस से बच्चों को घर ले जा रहे थे, रास्ते में उन्हें हार्ट अटैक आया। वे सबसे पहले बस को साइड में लगाकर खड़ा किया फिर असहनीय दर्द होने पर साइड में लेट गए। जब तक अस्पताल लेकर गए उनकी मौत हो चुकी थी, लेकिन बच्चे सकुशल थे।
बाढ़ आई तो कंधे पर बैठाकर पहुंचाया घर
श्री शिवम सेलम समिति के बस ड्राइवर चरण सिंह की कहानी भी ऐसी है। वर्ष २००३ में होशंगाबाद में हुई बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। तब चरण सिंह ने एक बच्ची को डूबने से बचाकर कंधे पर बिठाकर सुरक्षित घर पहुंचाया था। दरअसल रसूलिया के नीचले भाग में पानी भर जाने के कारण बच्चें स्कूल बस में बैठे थे। पानी ज्यादा था तो एक छह साल की बच्ची को अपने कंधे में बैठाकर घर छोड़ा।
&शहर में बस स्कूल में संचालित होने वाली बसे ज्यादातर अच्छी हालत में हैं। इनकी समय समय पर चैकिेंग की जाती है। कुछ कमी पाई जाने या सर्वोच्च न्यायालय का पालन नहीं करने पर सख्त कार्यवाही भी की जाती है।
मनोज तेहनगुरिया, क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी होशंगाबाद