होशंगाबाद शहर से 28 कि.मी दूर पतलई गांव है। यहां के 23 लोग सेना में हैं। इनमें से 18 अभी विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। गांव के रिटायर्ड आर्मी जवान कौशल सिंह राजपूत के अनुसार गांव के यह जवान जम्मू-कश्मीर, पुलवामा, किश्तवाड, अनंतनम, श्रीनगर, कारगिल, गुहाटी, हिमाचल प्रदेश, विदेश यात्रा, पंजाब में तैनात हैं। डाक श्रीनगर नहीं जाने के कारण यहां के ज्यादातर जवानोंं को राखी नहीं भेजी जा सकी। आर्मी जवान छत्रपाल सिंह राजपूत ने बताया कि पिछले सप्ताह तक जम्मू में डाक भेजी जा सकती थी।
रिटायर्ड सैनिक कैशल सिंह राजपूत की कलाई पर इस बार 17 साल बाद उनकी बहन अपने हाथों से राखी बांधेगी। उनकी सभी बहन इस बार पहले से ही जोर-शोर से तैयारियों में लगी हुई हैं। कौशल 17 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे। 17 साल की देश सेवा में सिर्फ दो बार ही उनकी कलाई पर राखी बंध पाई थी। वह अप्रैल में सियाचिन ग्लोरियर से रिटायर्ड हुए हैं। बहन हर साल डॉक से राखी भेजती थीं, जो साथी जवान उनकी कलाई पर बांधते थे।
जम्मू और कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए पतलई गांव की बहनों ने डाक से राखी भेजी है। धामनी की सीमा राजपूत ने बताया कि उनके भाई श्रीनगर कब्बाड़ा में हैं। डाक नहीं जाने के कारण राखी नहीं जा सकी। कई दिनों से नेटवर्क नहीं मिलने से भाई से बात नहीं हो पाई।