कैंप में यह घटना बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे की बताई जा रही है। बताया जाता है कि छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील के डोरियाखेड़ा ग्राम का निवासी लगभग 35 वर्षीय संजय कुमार आदिवासी एसटीआर के खरेर कैंप पर चारा कटर के रूप में कार्यरत है। बुधवार की सुबह जब संजय सिद्धनाथ के लिए भोजन की व्यवस्था करते हुए उसे नहलाने ले जा रहा था तो सिद्धनाथ ने उसे जमीन पर पटक दिया तथा कंधे पर बांयी ओर दांत से हमला किया। सिद्धनाथ का दांत संजय के बांए कंधे की ओर मांस में कुछ इंच धंस गया तो संजय चिल्लाया। आवाज सुनकर अन्य महावत, चारा कटर व कर्मचारियों ने तुरंत ही सिद्धनाथ पर काबू पाया। बताया जाता है कि चूंकि सिद्धनाथ का दूसरा दांत जमीन पर टकरा गया था, इसलिए संजय के कंधे पर सीने के बीच के क्षेत्र में धंसा दांत अधिक गहराई तक नहीं पहुंच पाया औैर संजय की चोट जानलेवा स्तर की गंभीर नहीं है। मामले मे ंएसटीआर असिस्टेंट डायरेक्टर आरएस भदौरिया ने चर्चा में बताया कि संजय ठीक है तथा उसका इलाज होशंगाबाद में किया जा रहा है।
पत्रिका ने एसटीआर सूत्रों से बात की तो बताया जाता है कि 2010 के पहले के सालों में सिद्धनाथ एक बार एक ही माह में दो महावतों को एसटीआर क्षेत्र में ही मौत के घाट उतार चुका है। यह घटना उस दौरान की बताई गई है, जब हाथी मद पर होते हैं तथा उनका व्यवहार बहुत ही उग्र हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि सिद्धनाथ एसटीआर का सबसे बुजुर्ग नर हाथी है तथा वह टाईगर रेक्क्यू सहित गश्ती के दौरान एसटीआर के लिए बड़े काम का साबित हुआ है। जानकारी अनुसार संजय चारा कटर इसी सप्ताह चूरना कैंप से खरेर कैंप लाया गया था क्योंकि जल्द ही हाथी उत्सव मनाया जाना है तथा एक सप्ताह बाद एसटीआर में पर्यटन भी मानसून उपरांत प्रारंभ होने जा रहा है।