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होशंगाबाद

अजब-गजब: भूतों की अनौखी दुकान, मिलता है राशन, करते हैं मतदान.!

25 भूतों की मंडली, चुनती है अपना डायरेक्टर, अब अफसर जुटे तलाश में

होशंगाबादJun 09, 2018 / 03:12 pm

बृजेश चौकसे

Ghost

Kabristaan m ghar

होशंगाबाद। नर्मदा नगरी में एक अनौखी दुकान हैं। इस दुकान के 25 सदस्य भूत हैं। यह बकायदा चुनाव में मतदान कर संचालक मंडल में भी अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। इनका एक अपना डायरेक्टर भी है, जो राशन देता है। चौंकिए मत, सरकारी दस्तावेज से ही यह खुलासा हुआ है। अब जिला प्रशासन के एक जिम्मेदार अफसर भूतों की तलाश में लगाए गए हैं।
दिखाई नहीं देते, काम करते हैं
मजेदार बात यह है कि यह दिखाई नहीं देते लेकिन दुकान संचालन से लेकर पूरा काम करते हैं। अब जिला प्रशासन हैरान है कि इन्हें कहां तलाशे। इसके लिए जो भूत बने हैं उनके घर तस्दीक करने गए तो पता चला वह कई साल पहले दुनिया से स्वर्ग सिधार चुके हैं। प्रमाण के रूप में उनके डेथ सर्टिफिकेट भी प्रशासन के पास हैं, लेकिन फिर भी वह अपना काम कर रहे हैं। बकायदा वोट डालने भी आते हैं।

अब अधिकारी करेंगे पड़ताल
सूचना के अधिकार कानून ने इन भूतों की पोल खोल दी। इन भूतों की एक युवक ने कलेक्टर प्रियंका दास से लेकर उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं और जिला खाद्य अधिकारी से शिकायत कर दी। अब अधिकारी को इसकी पड़ताल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच भी शुरू हो गई है। अब उप पंजीयक खुद भूतों की तलाश कर हकीकत पता लगाएंगे। यह कारनामा, जुमेराती में स्थित मां नर्मदा प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में हुआ है। यहां से वार्ड २६ एवं २७ के उपभोक्ताओं को राशन वितरित किया जाता है। इसमें नियम विरूद्ध तरीके से अध्यक्ष ने संचालक मंडल में अपने नाते-रिश्तेदारों को उपाध्यक्ष और सदस्य बनाया है। जबकि नियमानुसार संचालक मंडल के सदस्य संस्था के कार्यक्षेत्र के निवासी होना चाहिए। लेकिन संचालक मंडल में शामिल अध्यक्ष सहित अन्य रिश्तेदारों का नाम बालागंज क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है। इस मामले की शिकायत मनोज नागा ने संपूर्ण दस्तावेज के साथ कलेक्टर, उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं और जिला खाद्य अधिकारी से की है।
इनकी हो चुकी है मौत
संचालक मंडल का चुनाव वर्ष २०१६ में हुआ था। जिसमें २५२ सदस्यों ने भाग लिया था। दस्तावेजों के मुताबिक चुनाव में शामिल बताए गए कन्हैया लाल, गिरिजा शंकर, छोटेलाल मांझी, छोटेलाल कुंजीलाल, बि_लराव भटनागर और चंपालाल की वर्ष २०१६ से पहले मौत हो चुकी थी। संचालक मंडल में सदस्य बताए गए रहमान बेग का निधन भी अगस्त २०१० में हो चुका है। इसके अलावा करीब एक दर्जन से ज्यादा मृतकों के नाम संस्था सदस्यों की सूची में दर्ज हैं। संचालक मंडल में नाते रिश्तेदारों के नाम संचालक मंडल में ११ सदस्य होते हैं। अध्यक्ष नुरूल हसन रेवागंज होशंगाबाद के परिवार के ही तलत पति शाकिर और फौजिया पति तन्जीम को उपाध्यक्ष, जया उल हसन को संचालक सदस्य बनाया है।

एेसे होते हैं चुनाव
सहकारी संस्थाओं के संचालक मंडल का चयन मतदान की प्रक्रिया से होता है। उप पंजीयक चुनाव अधिकारी नियुक्त करता है, जो विभागीय अधिकारी होता है। वह मतदान के जरिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का निर्वाचन कराता है और फिर प्रमाण पत्र जारी करता है।
यह है नियम
: प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित अधिनियम १९६२ के नियम क्रमांक ४४ (जी-छ) अनुसार एक ही परिवार के व्यक्तियों को संचालक मंडल में शामिल नहीं किया जा सकता। इनका कहना है… शिकायत मिली है। सभी शिकायती बिंदुओं की जांच करके नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
-अखिलेश निगम, उपपंजीयक सहकारी विभाग।

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