ऐसे होता है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू बीमारी एच-1, एन-1 वायरस से फैलती है। सर्दी, खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गले में खरास आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। डॉक्टर के पास जाएं
इन लक्षणों के होने पर चिकित्सक के उपचार के बाद भी यदि मरीज सात दिनों में ठीक नहीं होता है तो इसे गंभीरता से लेते हुए जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों से परामर्श एवं उपचार लें। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू से संबंधित जांच व उपचार तथा दवाइयों की निशुल्क सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं।
स्वाइन फ्लू बीमारी एच-1, एन-1 वायरस से फैलती है। सर्दी, खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गले में खरास आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। डॉक्टर के पास जाएं
इन लक्षणों के होने पर चिकित्सक के उपचार के बाद भी यदि मरीज सात दिनों में ठीक नहीं होता है तो इसे गंभीरता से लेते हुए जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों से परामर्श एवं उपचार लें। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू से संबंधित जांच व उपचार तथा दवाइयों की निशुल्क सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं।
जांच व मरीजों के लिए आइसोलशन वार्ड
सीएमएचओ ने कहा कि संभावित मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड व जांच के लिए सेम्पल कलेक्शन की व्यवस्था जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में है। जिलेवासियों को सलाह दी गई है कि स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे तथा यात्रा के दौरान सावधानी रखें। मुंह एवं नाक को कपड़े से ढं़कें तथा खांसने वाले से दूरी बनाए रखें। हाथों को नियमित रूप से साबुन से अच्छी तरह धोएं, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करें। छोटे बच्चों को बुखार, खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ के लक्षण होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं।
सीएमएचओ ने कहा कि संभावित मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड व जांच के लिए सेम्पल कलेक्शन की व्यवस्था जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में है। जिलेवासियों को सलाह दी गई है कि स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे तथा यात्रा के दौरान सावधानी रखें। मुंह एवं नाक को कपड़े से ढं़कें तथा खांसने वाले से दूरी बनाए रखें। हाथों को नियमित रूप से साबुन से अच्छी तरह धोएं, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करें। छोटे बच्चों को बुखार, खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ के लक्षण होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं।